नागपुर. विलिनीकरण की मांग को लेकर जारी एसटी कर्मचारियों की हड़ताल खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. कर्मचारी सरकार के वेतन वृद्धि के प्रस्ताव को भी मानने से इनकार कर रहे हैं. शुक्रवार को भी एसटी स्टैंड में सन्नाटा छाया रहा. हालांकि यूनियन की दिनभर बैठकें चलती रहीं लेकिन देर रात तक हड़ताल खत्म करने के बारे में कोई निर्णय नहीं हो सका. एसटी बंद होने से यात्रियों की मुसीबत दिनोदिन बढ़ती ही जा रही है.
सरकार ने 1 दिसंबर से राज्यभर में सभी स्कूल खोलने की घोषणा कर दी है लेकिन एसटी की हड़ताल खत्म नहीं हो रही है. ग्रामीण भागों में अधिकांश छात्र एसटी से ही स्कूल आना-जाना करते हैं. वहीं शिक्षक व कर्मचारी वर्ग भी एसटी का इस्तेमाल करता है. कुछ दुर्गम भागों में एसटी के सिवाय कोई पर्याय ही नहीं है. इस हालत में दिक्कतें बढ़ना तय है. एसटी कर्मचारी राज्य सरकार के वेतन वृद्धि के प्रस्ताव को मानने तैयार नहीं हैं. सीधे विलिनीकरण की मांग पर अड़े हुए हैं. यही वजह रही कि शुक्रवार तक कोई भी निर्णय नहीं हो सका.
अल्टीमेटम का भी असर नहीं
एसटी की हड़ताल से निजी बस चालकों की चांदी हो गई है. गणेशपेठ में एक ओर जहां एसटी स्टैंड में सन्नाटा है, वहीं दूसरी ओर प्राइवेट बसें भर-भर कर जा रही हैं. बसों के आगे फलक लगा दिए गए हैं जिसमें किराया भी दिया गया है. सभी बसों ने वक्त का फायदा उठाते हुए किराया भी दोगुना कर दिया है. सरकार ने एसटी कर्मचारियों को 2 दिनों के भीतर काम पर वापस होने अल्टीमेटम दिया था लेकिन कर्मचारी अल्टीमेटम को भी मान नहीं रहे हैं. हड़ताल से एसटी को अब तक करोड़ों का घाटा हो चुका है.