Tekadi Flyover, nagpur

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    नागपुर. स्टेशन के सामने के फ्लाईओवर के नीचे के दूकानदारों को स्थानांतरित करने के लिए मनपा की ओर से प्रक्रिया शुरू की गई. कुछ दूकानदारों को मुआवजा, कुछ दूकानदारों को दूकान के बदले दूकान देने का निर्णय लिया गया. जिन्हें दूकान चाहिए थे उनके लिए 2 दिन पहले मनपा मुख्यालय में लाटरी निकालकर महामेट्रो द्वारा स्टेशन के पास ही तैयार किए गए 70 दूकानों में 23 लाभार्थियों को दूकान आवंटित किए गए. किंतु 35 दूकानदार ऐसे रहे, जिन्हें दूकान तो चाहिए थे लेकिन उन्होंने अस्थायी तौर पर मिल रही दूकानों का विरोध कर लाटरी में हिस्सा ही नहीं लिया. यहां तक कि हाई कोर्ट में उनके द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने लाटरी की पद्धति को याचिका के फैसले के अधीन रखा. जिससे अब मनपा और इन दूकानदारों में टसल शुरू हो गई.

    लाटरी सिस्टम को भी देंगे चुनौती

    याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधि. महेश धात्रक ने कहा कि मनपा द्वारा की गई लाटरी सिस्टम को ही अब चुनौती दी जाएगी. कोर्ट ने महानगरपालिका को नोटिस जारी कर 8 जून तक जवाब दायर करने के आदेश दिए. साथ ही याचिकाकर्ताओं को मनपा की लाटरी में हिस्सा लेने की स्वतंत्रता प्रदान की थी. किंतु इस लाटरी में उन्हें शामिल होने का मौका नहीं मिला है. लाटरी के दौरान याचिकाकर्ताओं ने स्थायी दूकानों का आवंटन करने की मांग की थी. याचिका का मूल भी स्थायी दूकानों के आवंटन पर ही है. जबकि मनपा इन दूकानदारों को अस्थायी दूकान आवंटित करने पर तुली हुई है. इससे दूकानदारों का नुकसान हो रहा है. इसके अलावा जिस तरह से लाटरी में एक ही धारक को एकसाथ कई दूकानों का आवंटन किया गया. वह भी गलत है. इस पूरी प्रक्रिया को भी चुनौती देते हुए याचिका में सुधार करने का मौका देने की मांग अदालत से की जाएगी. 

    इस तरह तय हुआ मुआवजा

    मनपा की ओर से बताया गया कि कुछ दूकानदारों ने उनके द्वारा पुरानी दूकानों के लिए जमा की गई राशि ब्याज सहित वापस मांगी. इस संदर्भ में लिए गए निर्णय के अनुसार 3 वर्ग में दूकानदारों का वर्गीकरण किया गया. जिन दूकानदारों ने 5.50 लाख रु. जमा किए थे. उन्हें ब्याज सहित 8.50 लाख रु. दिए जा रहे हैं. इसी तरह से जिन दूकानदारों ने बड़े दूकानों के लिए 8 लाख रु. जमा किए थे. उन्हें 10.50 लाख रु. का मुआवजा दिया जा रहा है. इसके अलावा अन्य बड़े दूकानों के लिए कुछ दूकानदारों ने 10.20 लाख रु. जमा किए थे. उन्हें 16 लाख रु. दिए जा रहे हैं. इसके लिए इन दूकानदारों की सहमति भी ली गई थी. जिसके अनुसार बाजार विभाग की ओर से वित्त विभाग को भुगतान की सूची भेजी गई. 

    इस तरह रहा मामला

    -2008 में स्टेशन के सामने फ्लाईओवर तैयार किया गया.

    -2018 में ही इसे तोड़ने का निर्णय लिया गया.

    -234 करोड़ की लागत से 6 लेन रोड़ का होगा निर्माण

    -19 करोड़ रु. मुआवजे के रूप में दूकानदारों को है देना.