Gutter water spreading on the road, matter in front of Nagpur railway station
File Photo

    Loading

    नागपुर. प्रधानमंत्री मोदी के नागपुर दौरे को बीते 7 दिन ही हुए हैं और शहर में विधान सभा शीत सत्र अधिवेशन आ गया. पूरा शहर हाई अलर्ट पर है. शहर पुलिस अधिकारी और हजारों पुलिस कर्मी माननीयों की सुरक्षा के मद्देनजर चप्पे-चप्पे पर नजर रखने की तैयारी कर चुके हैं. हालांकि हाई अलर्ट के बावजूद स्टेशन की सुरक्षा में सेंध लगाना कठिन नहीं है क्योंकि पश्चिमी द्वार की ओर से यात्रियों के लगेज की स्कैनिंग बंद है. इसकी वजह है, यहां लगी स्कैनिंग मशीन हटा दी गई है. इसे प्रधानमंत्री मोदी के नागपुर स्टेशन के दौरे के वक्त सुरक्षा के मद्देनजर हटाया गया था. हालांकि उन्हें दिल्ली लौटे एक सप्ताह हो गया लेकिन मशीन अपनी जगह नहीं लौट सकी.

    आज से बढ़ जायेगा VIP मूवमेंट

    अधिवेशन के लिए राज्य सरकार के कुछ मंत्री, अधिकांश विधायक, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों समेत बड़ी संख्या में लोगों की आवाजाही बढ़ जाती है. इनमें से अधिकांश लोग ट्रेनों के माध्यम से आना-जाना करते हैं. ऐसे में पूरे सत्र के दौरान स्टेशन पर वीआईपी मूवमेंट काफी अधिक रहता है. यहां तक मुंबई, पुणे जैसे प्रमुख शहरों को जाने वाली कुछ ट्रेनों में हर सप्ताह शुक्रवार और शनिवार को विधायकों और उनके सचिवों के लिए अतिरिक्त वातानुकूलित कोच तक जोड़े जाते हैं. ऐसे में स्टेशन पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी निगरानी में होती है. हालांकि पश्चिमी द्वार पर स्कैनिंग मशीन के अभाव में इस सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लगाना बहुत अधिक कठिन नहीं है. सोमवार से अधिवेशन शुरू हो रहा है, इसलिए रविवार से ही वीआईपी मूवमेंट शुरू हो जायेगा. ऐसे में छोटी सी लापरवाही भी बड़ा सिरदर्द बन सकती है.

    काम का नहीं रहा UVSS

    स्टेशन की सुरक्षा की बात करें तो लाखों की लागत से पश्चिमी भाग में लगाया गया यूवीएसएस (अंडर व्हीकल सर्विलांस सिस्टम) अब किसी काम का नहीं रहा. अब यह सुविधा से ज्यादा दुविधा बन गया है. यहां से गुजरने वाले वाहनों की न तो स्कैनिंग हो रही है और न ही यहां किसी आरपीएफ जवान की तैनाती की जा रही है. उधर, बंद पड़े यूवीएसएस सिस्टम के कारण प्रवेश द्वार पर वाहनों के लिए अजीब स्थिति बन जाती है. एक ओर आरएमएस के लंबे कंटेनर ट्रक खड़े हो रहे हैं तो दूसरी तरफ यूवीएसएस पर विपरीत दिशा से आने वाले वाहनों, ऑटोरिक्शा आदि की लाइन लगी रहती है.

    एक गेट बंद, दूसरा खुला

    आखिर चोरों, असामाजिक तत्वों और अवैध ऑटोरिक्शा चालकों को रोकने के लिए एमसीओ के पास बना रास्ते पर बैरिकेड लगा दिये गये हैं. हालांकि यह अस्थायी है पर रेलवे सुरक्षा बल का उपयोगी प्रयास जरूर है. बैरिकेड लगने की वजह से अब यहां असामाजिक तत्व खड़े होने बंद हो गये हैं जो यात्री सुरक्षा के मद्देनजर राहत की बात है. हालांकि इसी गेट के ठीक सामने जीआरपी चौक के पास टेकड़ी रोड से लगा रास्ता पूरी तरह से खोल दिया गया है. पहले यहां भी बैरिकेड लगे थे लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के चलते इन्हें हटा दिया गया था. एक बार फिर असामाजिक तत्वों और बाहरी ऑटोरिक्शा चालकों ने यहां डेरा जमाना शुरू कर दिया है. यहां नशेड़ियों का भी जमावड़ा रहता है. ऑटोरिक्शा से उतरे अधिकांश यात्री पैदल ही इस रास्ते से स्टेशन के भीतर आते हैं. इससे महिला, युवतियों और बच्चियों के अलावा अन्य यात्रियों के जानमाल की सुरक्षा खतरे में आ गई है.