Vande Bharat
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    नागपुर. नागपुर और बिलासपुर के बीच चल रही वंदेभारत एक्सप्रेस पर कुछ स्थानों पर हुई पत्थरबाजी ने लोगों को हैरान कर दिया. हालांकि पत्थरबाजों का पता नहीं था कि वे ज्यादा दिन नहीं बच पायेंगे. रेलवे सुरक्षा बल ने कुछ ही घंटों में पत्थरबाजी के आरोपियों को धरदबोचा. हालांकि अब आरपीएफ ने वंदेभारत पर पत्थरबाजी करने वालों को सीधे 5 वर्ष के लिए जेल भेजने की तैयारी कर ली है. ऐसे लोगों पर रेलवे एक्ट की धारा 153 के तहत मामला दर्ज किया जायेगा और वंदेभारत एक्सप्रेस के कोच पर लगे सीसीटीवी रिकार्डिंग का पुख्ता सबूत बनाया जायेगा. 

    बच्चे थे इसलिए छोड़ दिया लेकिन…

    दक्षिण पूर्व मध्य रेल नागपुर मंडल के तहत उक्त वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में एक और पथराव की घटना हुई. यह कामठी स्टेशन के पास हुई थी. पथराव के कारण वंदे भारत ट्रेन के कोच सी-6 के विंडो का शीशा टूट गया था. घटना के सामने आने के बाद आरपीएफ की टीम फौरन सतर्क हुई और मौके के लिए रवाना हुई. मामले में आरपीएफ ने 6 नाबालिग बच्चों को हिरासत में लिया. बच्चों ने बताया कि उन्होंने सिर्फ मजे के लिए वंदेभारत एक्सप्रेस पर पत्थर मारे थे. आरपीएफ ने उनके पालकों को थाने बुलाकर कानूनी कार्रवाई की कड़ी समझाईश दी और छोड़ दिया. लेकिन साथ ही चेतावनी दी कि अगली बार ऐसा अपराध किया तो सीधे 5 वर्ष के लिए जेल भेज दिया जायेगा. 

    क्या है रेलवे एक्ट 153

    रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 153 के अनुसार इरादतन कार्य या चूक से रेलवे द्वारा यात्रा करने वाले व्यक्तियों की सुरक्षा को खतरे में डालनाृ यदि कोई व्यक्ति किसी भी गैरकानूनी कार्य या किसी जानबूझकर चूक या उपेक्षा से, किसी रेलवे पर यात्रा कर रहे या उस पर होने वाले किसी भी व्यक्ति की सुरक्षा को खतरे में डालता है या खतरे में डालने का कारण बनता है, या बाधा डालता है या बाधा डालता है या किसी रोलिंग स्टाक को बाधित करने का प्रयास करता हैृ रेलवे, वह कारावास से दण्डनीय होगा जिसकी अवधि 5 वर्ष तक की हो सकती है.

    डेढ़ महीने में 5 घटनायें

    उल्लेखनीय है कि 11 दिसंबर 2022 को स्वयं प्रधानमंत्री मोदी ने नागपुर स्टेशन से उक्त वंदेभारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था. इसके बाद डेढ़ महीने में ही ट्रेन पर पत्थरबाजी की 5 घटनाओं ने आरपीएफ के कान खड़े कर दिये. रेलवे का दावा है कि ट्रेन में यात्री सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. यही कारण है कि अभी तक एक भी यात्री को नुकसान नहीं हुआ है. भविष्य में पथराव की घटना ना हो इसलिए रेलवे अब सख्त कार्रवाई के मूड में है.