
नागपुर. राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विवि के परीक्षा विभाग की एक और लापरवाही सामने आई है. कोरोना काल के अंतिम चरण में ली गई परीक्षा में उत्तीर्ण हुये छात्रों को अब तक मूल अंक सूची तक नहीं मिली है. इस बारे में विवि प्रशासन करीब डेढ़ वर्ष से टालमटोल कर रहा है. इस संबंध में कॉलेजों ने भी विवि से कई बार पत्राचार किया लेकिन संतोषप्रद जवाब नहीं मिला. दरअसल कोरोना काल में ऑनलाइन परीक्षा ली गई थी. इसमें परीक्षा देने वाले लगभग सभी छात्र उत्तीर्ण हुये.
परिणाम घोषित होने के बाद छात्रों को अगले सत्र में प्रवेश भी मिल गया क्योंकि उस वक्त मूल अंक सूची की बजाय प्रिंट पर ही काम चलाया जा रहा था. इनमें से कई छात्र तो अंतिम वर्ष की परीक्षा भी पास कर चुके हैं लेकिन अब तक मूल अंक सूची नहीं मिल सकी. दरअसल यह गड़बड़ी एमकेसीएल की वजह से हुई. उपकुलपति सुभाष चौधरी ने 2 वर्ष पहले एमकेसीएल कंपनी को परीक्षा का काम दिया था. उस वक्त अनेक तरह की खामियां भी सामने आई थी.
कई परीक्षाओं के परिणाम 4-5 महीने तक घोषित ही नहीं हुये थे. मूल अंक सूची की गड़बड़ी भी उसी दौरान की है. बताया जाता है कि एमकेसीएल ने एक कंपनी को छपाई के लिए जिम्मेदारी सौंपी थी, लेकिन छात्रों का डाटा ही उपलब्ध नहीं कराया. इस वजह से अंक सूची की छपाई ही नहीं हो सकी. मामला बेहद गंभीर होने के बाद भी विवि प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया. साथ ही इस पर कोई प्रतिक्रिया देने भी तैयार नहीं है.