Nagpur Airport

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    नागपुर. नागपुर एयरपोर्ट के विकास की जिम्मेदारी अब जीएमआर के पास ही रहेगी. काफी दिनों से कानूनी विवाद में विकास कार्य उलझा हुआ था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने जीएमआर के पक्ष में अपना आदेश दिया है. इसलिए ऐेसा माना जा रहा है कि कानूनी विवाद खत्म होगा और जीएमआर इस एयरपोर्ट को नये सिरे से नये मुकाम तक ले जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय के आदेश को कायम रखा है. इससे राज्य सरकार, मिहान और एएआई को करारा झटका लगा है.

    मिहान इंडिया कंपनी ने नागपुर के डॉ. बाबासाहब आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का पीपीपी के आधार पर डिजाइन, बिल्ट, फाइनेंस, ऑपरेट एंड ट्रांसफर के आधार पर विकास करने की दृष्टि से 2016 में आवेदन मंगाए थे. 16 कंपनियों ने आवेदन किए  थे. जीएमआर सहित अन्य 4 कंपनियों को तांत्रिक बोली के लिए आमंत्रित किया गया था. जीएमआर ने बाकी कंपनी से ज्यादा बोली लगाने से उसे काम दिया गया था.

    जीएमआर ने काम मिलने के बाद मिहान इंडिया की सहमति से ‘जीएमआर नागपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट कंपनी’ की स्थापना की किंतु मुनाफे के बंटवारे को लेकर पुन: मनमुटाव हो गया. इसके बाद 19 मार्च 2020 को मिहान इंडिया ने पूरा ठेका रद्द करने का निर्णय लिया.

    जीएमआर कंपनी ने शुरू में मिहान इंडिया को मुनाफे का 5.76 प्रतिशत देने का वादा किया था. बातचीत के बाद यह हिस्सेदारी 14.49 तक बढ़ाई गई. लेकिन मिहान इंडिया ने इसे भी मान्य नहीं किया. इसके पश्चात कंपनी ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में ठेका निरस्त करने के निर्णय को अवैध बताया.

    9 मई को सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई उच्च न्यायालय के फैसले को कायम रखते हुए केंद्र सरकार, राज्य सरकार, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और मिहान द्वारा दायर की गई अपील को गुणवत्ताहीन बताया. आदेश न्यायमूर्ति विनीत शरण और जेके माहेश्वरी की खंडपीठ ने दिया.