नागपुर. जिला परिषद के ग्रामीण जलापूर्ती विभाग के पदस्थ एक्जिकिटव इंजिनियर को 2,00,000 रुपए का रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा गया. आरोपियों में इंजिनियर विजय किंष्णूजी टाकलीकर (55) और निजी ड्राईवर जयेंद्र विठोबाजी रेवतकर (62) शामिल है. काटोल निवासी 35 वर्षीय एक व्यक्ति की शिकायत पर एसीबी ने कार्रवाई कर रंगे हाथ आरोपियों को धरदबोचा.
प्राप्त जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता ठेकेदारी का काम करता है. कामकाज करने पर मंजूर किये गए पूराने बिल के बदले में नये बिल को मंजूर कराने के लिए जिप के अधिकारी विजय टाकलीकर ने ठेकेदार से 6,00,000 रुपये रिश्वत की मांग की थी. पहले सप्ताह में 2,00,000 रुपये देने के लिए कहां गया. ठेकेदार ने इस अधिकारी के रिश्वत खोरी से तंग आकर को इसकी एसीबी से इसकी शिकायत की. इसके बाद एसीबी ने आरोपी टाकलीकर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनाई.
अपने ड्राईवर से कराता था काम
गुरुवार की रात करीब 8 बजे शिकायतकर्ता 2,00,000 रुपये लेकर आरोपी के बताए हुए पते पर पहुंचा. उसने अपने निजी ड्राईवर जयेंद्र विठोबाजी रेवतकर को पैसे लेने भेजा था. ड्राईवर को पैसे सौंपने पर ड्राईवर सीधे अधिकारी टाकलीकर के पास पहुंचा जहां उसे रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया. जानकारी यह भी है टाकलीकर के खिलाफ जिला परिषद संगठन की ओर कई शिकायते की गई है.
यह अधिकारी अपने अधिकारों का फायदा उठाकर ठेकेदारों को अक्सर रिश्वत देने के लिए परेशान करता है. खास बात यह है कि रिश्वत का पैसा यह स्वयम नहीं बल्कि अपने निजी ड्राईवर से मंगावाता है. जिप के पास ठेकेदारों ने कई बार शिकायते की किंतू कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण अंत: एक ठेकेदार ने एसीबी से इसकी शिकायत की. एसपी रश्मि नांदेडकर और एएसपी राजेश दुद्दलवार के मार्गदर्शन में संदीप जगताप, पडोले, प्रभाकर बले, चालक वकील शेख ने कार्रवाई को अंजाम दिया.