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नागपुर. मनपा में ठेका पद्धति पर विधि अधिकारी सहायक पद पर नियुक्तियों को लेकर चल रही प्रक्रिया का विरोध जारी है. इसके बावजूद यह प्रक्रिया पूरी करने पर मनपा आमादा है. इसे लेकर मनपा आयुक्त की उस समय किरकिरी हो गई जब शिकायत मिलने के बाद अनुसूचित जाति राष्ट्रीय आयोग ने उन्हें नोटिस जारी कर 15 दिनों के भीतर इस संदर्भ में जवाब दायर करने के निर्देश दिए. उल्लेखनीय है कि कॉन्ट्रैक्ट लीगल ऑफिसर पद पर नियुक्तियों को लेकर 27 मार्च को मनपा के आस्थापना विभाग ने विज्ञापन जारी किए. इस पर आपत्ति जताते हुए राहुल झामरे ने मनपा आयुक्त से शिकायत की थी जिसे नजरअंदाज किए जाने के बाद आयोग के समक्ष अपील दायर की गई. इस पर उक्त आदेश जारी किए गए. झामरे ने कहा कि मनपा आयुक्त द्वारा संवैधानिक आरक्षण को ताक पर रखा जा रहा है.

…तो जारी किया जाएगा समन

उन्होंने कहा कि मनपा के आस्थापना विभाग की ओर से केवल 3 पदों के लिए विज्ञापन जारी किए गए. यहां तक कि प्रत्यक्ष साक्षात्कार भी लिए गए हैं. विज्ञापन के अनुसार तीनों पद खुले प्रवर्ग के लिए रखे गए जिससे आरक्षण के संवैधानिक प्रावधान को दरकिनार किया गया है. इस तरह से अन्य वर्ग के साथ अन्याय किया गया है. इस संदर्भ में आयोग के समक्ष दायर अपील पर न केवल नोटिस जारी किया गया बल्कि नोटिस का जवाब नहीं दिए जाने पर हाजिर होने के लिए समन जारी करने की चेतावनी भी दी गई है. पत्र-परिषद में अधि. प्रतीक पाटिल, अधि. नितिन गवई, अधि. राजन फुलझेले, अधि. युवराज काम्बले, अधि. मधुकर गडकरी आदि उपस्थित थे. 

नियमों को ताक पर रखकर कार्यवाही 

उन्होंने कहा कि मनपा में नियमों को ताक पर रखकर पद भर्ती की कार्यवाही पूरी की जा रही है. भले ही कॉन्ट्रैक्ट पद्धति से पदों को भरा जा रहा हो लेकिन इसमें भी आरक्षण के अनुसार पदों पर नियुक्तियां होनी चाहिए. साथ ही पूरे पदों के लिए विज्ञापन जारी होने चाहिए थे. उन्होंने कहा कि मनपा की ओर से जारी विज्ञापन बिंदु नियमावली के अनुरूप नहीं है जिससे पिछड़े वर्ग पर अन्याय होने जा रहा है. इसे तुरंत प्रभाव से रद्द करने की मांग उन्होंने की. उन्होंने समय आने पर अदालत का दरवाजा खटखटाने की चेतावनी भी दी.