Nagpur High Court
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नागपुर. राज्य में सत्ता परिवर्तन होते ही नई सरकार की ओर से तत्कालीन सरकार द्वारा मंजूर किए गए काम तथा टेंडर पर सिरे से रोक लगा दी गई. वर्तमान सरकार की इस कार्य प्रणाली को लेकर जहां राजनीतिक पटल पर लगातार संघर्ष जारी है, वहीं अब न्यायिक लड़ाई भी लड़ी जा रही है. सावनेर के विधायक सुनील केदार और विधायकविजय वडेट्टीवार की ओर से भी हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई. इस पर सुनवाई के बाद न्यायाधीश रोहित देव और न्यायाधीश वाई.जी. खोबरागड़े ने जिन प्रकल्पों की टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है जबकि टेंडर जारी किए जा चुके है और कम्पनियों की ओर से टेंडर भरे गए हो तो ऐसे टेंडर कोर्ट की अनुमति के बिना रद्द नहीं करने के आदेश सरकार को दिए. याचिकाकर्ता केदार की ओर से अधि. राहुल धांडे, वडेट्टीवार की ओर से अधि. एन.बी. किरताने ने पैरवी की. 

प्रकल्पों की यथास्थिति बनाए रखें

सुनवाई के दौरान दोनों याचिकाकर्ताओं की ओर से तमाम विकास कार्यों को लेकर जारी वर्क ऑर्डर और अन्य प्रक्रिया की जानकारी का लेखा-जोखा अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया गया जिसके बाद अदालत ने प्रकल्पों की यथास्थिति बनाए रखने के आदेश भी राज्य सरकार को दिए. गत समय अदालत का मानना था कि याचिकाकर्ताओं ने राज्य सरकार के 6 अलग-अलग विभागों को प्रतिवादी बनाया है. इन सभी विभागों को स्वतंत्र रूप से आदेश देने का अनुरोध किया गया है. अंतरिम आदेश जारी करने के लिए याचिका क्रमांक 9421/2022 का हवाला दिया जा रहा है जिसमें 9 नवंबर 2022 को औरंगाबाद बेंच की ओर से आदेश जारी किए गए है.

राजनीतिक द्वेष के कारण रोक

विधायकों द्वारा दायर याचिका में बताया गया कि गत सरकार के कार्यकाल में उनके चुनाव क्षेत्र के लिए विभिन्न विकास कार्यों को मंजूरी प्रदान की गई. वित्तीय प्रावधान किए जाने के बाद उनके न केवल टेंडर निकाला गए बल्कि संबंधित कामों को अंजाम देने वाली कम्पनियों को वर्क ऑर्डर भी जारी किया गया. किंतु जैसे ही राज्य में सत्ता बदली, नई सरकार ने बिना किसी कारण एक सिरे से पुराने सरकार द्वारा मंजूर सभी कामों पर रोक लगा दी. राजनीतिक द्वेष के चलते इस तरह से रोक लगाई गई है. इस संदर्भ में कई बार सदन में तथा कई बार सदन के बाहर सरकार से मांग की गई लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं किया. जिसके कारण विधानसभा क्षेत्र के विकास से जुड़े काम अटके हुए हैं. जनहित के इन कामों को रोके जाने से जनता का नुकसान हो रहा है.