Stray Dogs
फ़ाइल फोटो

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नागपुर. विगत माह शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय व अस्पताल में कुत्तों के हमले में कुछ निवासी डॉक्टर घायल हो गये थे. इस घटना के बाद प्रशासन द्वारा मनपा में शिकायत की गई. मनपा के कर्मचारी आये और कुछ आवारा कुत्तों को पकड़कर ले गये लेकिन एक बार फिर स्थिति निर्माण हो गई है. केवल बाहरी परिसर में ही नहीं बल्कि बरामदों, ओपीडी और ओटी के बाहर भी कुत्तों का जमघट लगा रहता है. कई बार तो कुत्ते आपसी झड़प करते हुए वार्डों के भीतर भी घुस आते हैं. इससे मरीजों व परिजनों में दहशत का माहौल है. कुत्तों की बढ़ती सक्रियता की मुख्य वजह परिजनों द्वारा बचा हुआ भोजन फेंकना है.

बरामदों में डस्ट बिन लगे हुये हैं जहां परिजन बचा हुआ खाना फेंक देते हैं. इतना ही नहीं वार्ड में मिलने वाला भोजन बच जाने के बाद कर्मचारी खुद डस्ट बिन में डाल देते हैं. रात के वक्त कुत्ते डस्ट बिन को गिराकर उसमें से खाना खाते हैं. इस खाने के चक्कर में कई बार आपस में झड़प भी हो जाती है. रात के वक्त कैंटिग साइट का गेट खुला रहता है. ताकि नर्स यहां से आ जा सके, लेकिन कॉलेज की ओर से आने वाले कुत्तों के लिए यह गेट भीतर घुसने का रास्ता बन गया है. खाने के बाद कुत्ते बरामदों में सोते हैं.

वहीं शौच और मल भी करते हैं. निवासी डॉक्टरों ने बताया कि कुत्तों की धड़पकड़ कुछ दिनों तक नियमित रूप से की जानी चाहिए. तभी कुत्तों की सक्रियता पर अंकुश लग सकेगा.

रात के वक्त निवासी डॉक्टरों को एक से दूसरे वार्ड जाना पड़ता है. वहीं हॉस्टल से भी आना-जाना होता है. इस हालत में कुत्तों का भय बना रहता है. मेडिकल में हर दिन अवैध पार्किंग में खड़ी गाड़ियों पर कार्रवाई की जाती है. ट्रैफिक विभाग गाड़ियों को उठाकर ले जाती है. निवासी डॉक्टरों का कहना है कि जिस तरह अवैध तरीके से खड़े वाहनों पर कार्रवाई की जाती है उसी तरह मनपा द्वारा कुत्तों को पकड़ने के लिए हर दिन कार्रवाई की जानी चाहिए.