Stray Dogs
कुत्तों को मिलेगा घर (फ़ाइल फोटो)

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    नागपुर. सिटी में आवारा कुत्तों की समस्या गंभीर हो गई है. खासकर रात पाली के बाद घर जाने वाले राहगीरों को यह परेशानी ज्यादा होती है.  शिकायतें लगातार बढ़ती जा रहीं हैं. पिछले वर्ष शहर में 6,806 नागरिकों को कुत्तों ने काट लिया. इनमें आवारा कुत्तों के साथ कुछ पालतू कुत्ते भी शामिल हैं.

    शहर के तेजी से हो रहे विस्तार, जगह-जगह डंप किए जा रहे कूड़ा-करकट से आवारा कुत्तों की समस्या गंभीर हो गई है. इन कुत्तों को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग की है. पिछले 2 वर्षों से नसबंदी और टीकाकरण नहीं किया गया है, इसलिए आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ी है. खासकर रात के समय ये कुत्ते वाहनों के पीछे दौड़ते हैं. इससे नागरिकों का वाहन चलाना मुश्किल हो गया है. 

    टीकाकरण बंद

    वर्ष 2019 में नसबंदी अभियान शुरू किया गया था लेकिन फिर यह रुक गया. शिकायत होने पर स्वास्थ्य निरीक्षक संबंधित क्षेत्र से कुत्तों को पकड़कर नजदीकी केंद्र में भर्ती कराते थे, वहां उनकी नसबंदी करने के साथ-साथ एंटी रैबीज वैक्सीन भी लगाई जाती थी लेकिन पिछले 2 वर्षों से यह काम बंद पड़ा है, इसलिए शहर में कुत्तों की संख्या बढ़ी है.

    महल में 3,000 से ज्यादा केस

    आवारा कुत्तों के साथ-साथ नागरिकों को पालतू जानवर के रूप में रखे कुत्ते भी काटते हैं. महल में कुत्तों के काटने के सबसे ज्यादा 3,556 मामले हैं. उसके बाद 1,744 मामले सदर क्षेत्र के हैं. मार्च 2022 में रिकॉर्ड 817 लोगों को कुत्तों ने काटा. पिछले वर्ष की तुलना में आवारा कुत्तों के काटने की संख्या बढ़ी है. वर्ष 2021 में 4,585 और मार्च 2022 तक 2,221 लोगों को कुत्तों ने काटा है. नगर पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. गजेंद्र महले ने कहा कि नियमानुसार आवारा कुत्तों की नसबंदी कर उन्हें उनके मूल स्थान पर छोड़ दिया जाएगा.

    रेजिडेंट डॉक्टरों पर हमला

    शासकीय मेडिकल कॉलेज (मेडिकल) क्षेत्र में 4 रेजिडेंट डॉक्टरों पर आवारा कुत्तों ने हमला कर उन्हें घायल कर दिया. इसके बाद आवारा कुत्तों का मामला एक बार फिर चर्चा में आ गया. कॉलेज परिसर में कुत्तों की संख्या अधिक होने से अधिकारियों व कर्मचारियों में भय बना हुआ है.