वर्षों बाद भी नहीं बदली TB विभाग की सूरत, 75 वर्ष से अधिक पुरानी इमारत में स्वास्थ्य सेवा

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    नागपुर. शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय व अस्पताल नवंबर से अपना अमृत महोत्सव मनाएगा. इस दौरान वर्षभर विविध विकास कार्यों के साथ ही कार्यक्रम भी किये जाएंगे. वक्त के साथ ही मेडिकल की इमारत की पुरानी हो चली है. वहीं कुछ विभाग तो मेडिकल की इमारत से भी पुरानी है. इनमें मुख्य रूप से टीबी विभाग शामिल है. सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग ने अब इस पुरानी इमारत के नवीनीकरण की सीमा खत्म होने की सिफारिश कर दी है. इस हालत में नई इमारत के निर्माण के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं रह गया है.

    बताया जाता है कि टीबी वार्ड की इमारत करीब 1945 के आसपास बनी थी. इमारत में छत के तौर पर सीमेंट की चादरें लगाई गई है. यहां प्रतिदिन ओपीडी में करीब 150 से अधिक मरीज आते हैं. पुरुष मरीजों को भर्ती करने के लिए पिछले हिस्से में एक वार्ड भी है  लेकिन इसकी हालत भी गंभीर हो गई है. कुछ वर्ष पहले लाखों रुपये खर्च कर टीबी विभाग का नवीनीकरण किया गया. उसी वक्त सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग ने स्पष्ट कर दिया था कि अब इसके बाद नवीनीकरण करना संभव नहीं है.

    चारों ओर झाड़ियां

    जगह का अभाव होने से जहां मरीजों को दिक्कतें होती हैं, वहीं यहां कार्यरत डॉक्टर और निवासी डॉक्टरों को भी दिक्कतें आती हैं. शौचालयों की हालत भी ठीकठाक नहीं है. चारों ओर झाड़ियां फैल गई हैं. बारिश के दिनों में भीतर पानी आ जाता है. इसके साथ ही सांप-बिच्छुओं का भी डर बना रहता है. बिजली की फिटिंग भी काफी पुरानी हो गई है. जगह का अभाव होने के कारण ही विभाग में महिला वार्ड नहीं बन सका है. यदि कोई महिला मरीज हो तो उसे मेयो में भर्ती होने की सलाह दी जाती हैं. 

    TB Ward, Nagpur 1

    प्रस्ताव पर नहीं दिया गया ध्यान 

    परिसर की कुछ इमारतों की हालत जर्जर होने के कारण अब बंद कर दिया गया है. कुछ वर्ष पहले त्वचा रोग विभाग में छज्जा गिरने से दो लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद भी मेडिकल प्रशासन ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया. बताया जाता है कि करीब 10 वर्ष पहले टीबी का नया विभाग बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था लेकिन वैद्यकीय शिक्षा व अनुसंधान विभाग ने प्रस्ताव पर ध्यान ही नहीं दिया. यही वजह है कि टीबी विभाग आज भी पुरानी और जर्जर इमारत में ही चल रहा है.