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    नागपुर. मिहान की एक कंपनी के मालिक ने सिविल ठेकेदार से काम तो कराया लेकिन उसका भुगतान नहीं किया. पुलिस से शिकायत करने पर कंपनी मालिक ने दबाव बनाकर समझौता करवाया. लिखित रूप से रकम देने का वादा किया लेकिन बाद में मुकर गया. पीड़ित ठेकेदार थाने के चक्कर काटता रहा. आखिर पुलिस ने भी साथ छोड़ दिया. अचानक मामला दिवानी स्वरूप का हो गया और उसे कोर्ट जाकर न्याय मांगने को कहा गया. तलमले लेआउट निवासी वेद परमात्मा पांडे (44) का कहना है कि उन्हें पेट की बीमारी है.

    इलाज के लिए पैसों की जरूरत है. पुलिस दबाव में आकर उनका मामला रफादफा करने का प्रयास कर रही है. वेद ने बताया कि मिहान की एक कंपनी में उनका काम चल रहा था. इसी दौरान एक परिचित व्यक्ति ने इंडप्रो टेक्निकल एंड मैनेजमेंट कंपनी में टैंक बनाने का काम होने की जानकारी दी. कंपनी के मालिक मनीषनगर निवासी पंकज पोकले (43) ने उनसे टैंक का काम करवाया. 14.40 लाख रुपये में से 5.25 लाख रुपये दिए लेकिन बाकी रकम देने में आनाकानी करने लगे. जब भी पैसे मांगने जाते पंकज गालीगलौज करके भगा देता. 

    पुलिस पर दबाव बनाने का आरोप

    इसीलिए उन्होंने सोनेगांव पुलिस से शिकायत की. पहले तो पुलिस ने मामले में गंभीरता दिखाई और पंकज को पूछताछ के लिए बुलाया. पंकज ने 9 लाख रुपये में से केवल 2.50 लाख रुपये देने की बात कही. वेद की स्थिति मरता क्या न करता जैसी थी. वह भी मान गए. थाने में दोनों का लिखित समझौता करवाया गया लेकिन बाद में फिर पंकज मुकर गया और हाथ-पैर तोड़ने की धमकी दी.

    वेद न्याय मांगने वापस थाने गए तो पुलिस ने इसे सिविल मामला बताते हुए कोर्ट में जाने कह दिया. वेद का कहना है कि पंकज ने उनके साथ धोखेबाजी की. जब प्रकरण दीवानी स्वरूप का था तो पुलिस ने पहले समझौता क्यों करवाया? पंकज ने पुलिस पर दबाव बनाया है. उसकी पहुंच तो ऊंची है लेकिन पैसे देने की नीयत नहीं है. वह पुलिस आयुक्त से शिकायत करेंगे. तब भी न्याय नहीं मिला तो न्यायालय जाकर पंकज के खिलाफ मामला दर्ज करवाएंगे.