
नागपुर. दिसंबर में शीतकालीन अधिवेशन के चलते वीआईपी मूवमेंट वाली सड़कों की मरम्मत की गईं. फुटपाथ बनाये गये और रंग रोगन भी किया गया, लेकिन जिन सड़कों पर सरकार के कदम नहीं पड़ने थे वे सड़कें अब भी गड्ढों से मुक्त नहीं हो सकी है. इन सड़कों से हर दिन गुजरने वाले वाहन चालकों को हमेशा दुर्घटना का खतरा बना रहा है. इतना ही नहीं कई लोग अपने हाथ-पैर भी तुड़वा चुके हैं. सिटी के पुराने काटोल नाका चौक से गिट्टीखदान पुलिस स्टेशन तक बायीं दिशा की सड़क पूरी तरह से जर्जर हो गई है.
सड़कों पर जानलेवा गड्ढे बन गये हैं. जगह-जगह गिट्टी उखड़ने से वाहन फिसल रहे हैं. सड़क में कटाव व खतरनाक गड्ढे होने से आगे दौड़ने वाले वाहन चालकों द्वारा अचानक ब्रेक मारने से पीछे से तेज गति से आने वाले वाहन चालकों संभलने का मौका नहीं मिलता और दुर्घटना हो जाती हैं. सड़क पर जगह-जगह फैली गिट्टियां और मिट्टी के हवा में उड़ते हुए धूल के कणों से वाहन चालकों की आंखों के सामने अंधेरा छाने लगता हैं.
पुराना काटोल नाका रोड राज्य महामार्ग होकर यह कलमेश्वर, काटोल, नरखेड़, जलालखेड़, वरूड, अमरावती, अकोला, शेगांव की तरफ जाता हैं. इस वजह से इस मार्ग पर बारह महीने बड़े पैमाने पर दोपहिया समेत छोटे-बड़े चौपहिया वाहनों की आवाजाही बनी रहती हैं. सड़क की दयनीय अवस्था और शासन प्रशासन की अनदेखी से हर दिन सड़कों पर दुर्घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. संबंधित विभाग और प्रशासन द्वारा संज्ञान लेकर इस मार्ग का शीघ्र डामरीकरण करें ताकि भविष्य में होने वाली दुर्घटनाओं से वाहन चालकों को राहत मिल सके.
इसी चौक पर महावितरण का कार्यालय हैं. काटोल रोड की ओर जाते समय वाहन चालकों को जल्दी पड़ी रहती हैं. सिग्नल हरा होते ही चौक पार करते ही बस और ऑटो चालक सवारियों को बैठाने और उतारने के चक्कर में बीच सड़क पर बिना कोई इंडिकेटर देते हुए अचानक ब्रेक लगाते हैं, इससे पीछे से तेज गति से आने वाले वाहन चालक दुर्घटना का शिकार हो आते हैं.