नेता ही उड़ा रहे सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां

  • भाजपा-कांग्रेस के आंदोलनों में खतरा लिया मोल

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नागपुर. कोरोना की महामारी खत्म नहीं हुई है लेकिन अब सिटी में हालात ऐसे नजर आ रहे हैं कि जो जनप्रतिनिधि जनता को इससे बचने के लिए मास्क, सेनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का ज्ञान पिलाते थे वहीं सोशल डिस्टेंसिंग की खुलेआम धज्जियां उड़ा हैं. सोमवार को सिटी में दोनों मुख्य राजनीतिक पार्टियों में से एक ने बिजली के मनमाने बिलों के खिलाफ तो दूसरी ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ आंदोलन किए. इसमें सरकार में शामिल विधायक भी शामिल हुए तो शहर में सत्तासीन पदाधिकारी भी. शहर के 8-10 स्थानों पर ये आंदोलन हुए लेकिन कहीं भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया गया. जब जनप्रतिनिधि ही नियम-कानून का पालन नहीं करेंगे तो जनता को वे कैसा संदेश देंगे. जनता को न्याय दिलाने के नाम पर किये गए आंदोलन में ही जनता के स्वास्थ पर खतरा बढ़ा दिया गया है.

कम्युनिटी स्प्रेड ना हो जाए
विशेषज्ञ डाक्टरों व वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोना फिलहाल कम्युनिटी स्प्रेड की स्थिति में नहीं आया है. कम्युनिटी स्प्रेड से बचने के लिए सभी उपाययोजनाओं का कड़ाई से पालन करना बेहद जरूरी है. सोशल डिस्टेंसिंग उसमें से ही मुख्य उपाययोजना है. राजनीतिक पार्टियों ने से सिटी में जो आंदोलन किया उसमें शामिल कार्यकर्ताओं का आम नागरिकों से रोजाना का संपर्क होता ही रहता है. कल्पना करें अगर इसमें कोई कोरोना पाजिटिव रहा हो जिसके सिमट्मस नजर नहीं आ रहे हों तो वह कितनों को संक्रमित कर सकता है. नेताओं ने जो हरकतें आंदोलन के दौरान की हैं कहीं वह कोरोना को फैलाने का बड़ा कारण ना बन जाए. दुर्भाग्य से अगर ऐसा होता है तो इसके लिए सिटी की जिम्मेदार जनता इन्हें कभी माफ नहीं करेगी.

क्या इन पर कोई मामला दर्ज करेगा
सवाल यह भी है कि सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं करने वाले इन प्रभावशाली, सत्ताधारी नेताओं पर कोई कार्रवाई करने की हिम्मत करेगा. आम नागरिक फिलहाल अपनी बाइक पर डबल सीट घूमने में डर रहा है. कारों को रोककर उसमें बैठी सवारियों की जांच की जा रही है. अधिक सीट मिलने पर जुर्माना ठोका जा रहा है. चेतावनी दी जा रही है और दूसरी ओर जिम्मेदार नेता जो सरकार व सत्ता में बैठे हुए हैं वही नियमों की धज्जियां खुलेआम उड़ा रहे हैं. प्रशासन इनकी मुठ्ठी में है. नागरिकों का सवाल है कि क्या मनपा आयुक्त, जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त इस उल्लंघन को गंभीरता से लेकर कुछ कार्रवाई करेंगे.