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    नागपुर. ब्याज पर दी रकम न लौटाने को लेकर एक साहूकार इतना नाराज हुआ कि उसने अच्छे-खासे व्यक्ति को अपनी कार से कुचलकर मौत के घाट उतार दिया. वर्धा में वारदात को अंजाम देने के बाद वह भागकर नागपुर आ गया. खुद को बड़े ही बेहतरीन तरीके से गिरीपेठ स्थित अपने फ्लैट में बंद करके पुलिस को घंटों तक चकमा देता रहा लेकिन मोबाइल फोन ने उसे फंसा दिया. गुरुवार सुबह करीब 6 बजे उसे अरेस्ट करके वर्धा पुलिस के हवाले कर दिया गया और उसकी कार भी जब्त कर ली गई. आरोपी रवि उर्फ शैलेश गणेश येलणे (44) बताया गया, जबकि मृतक वर्धा निवासी शंभु देवराव सोनगडे (45) है.

    प्राप्त जानकारी के अनुसार, शंभु की पत्नी ने किसी सहेली के माध्यम से रवि येलणे से 5,000 रुपये ब्याज पर उधार लिए थे जिनमें से 3,000 रुपये लौटा दिए थे लेकिन बाकी 2,000 रुपये के लिए रवि और शंभु के बीच विवाद चल रहा था. बुधवार की रात वर्धा पहुंचे रवि ने इसी बात पर विवाद किया. उसने गुस्से में आकर गाड़ी के सामने खड़े शंभु को कार से कुचल दिया. शंभु ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.

    100 मी. दूर खड़ी की कार, फ्लैट किया बाहर से लॉक

    रवि जानता था कि उसने बड़ा अपराध कर दिया है लेकिन उसके शातिर दिमाग ने बचने के सारे फंडे अपनाए. शंभु को कार से कुचलने के बाद वह बदहवास हालत में रात 2 बजे नागपुर पहुंचा. गिरीपेठ में आरटीओ कार्यालय के पास गली नंबर 1 में बने अपार्टमेंट में उसका फ्लैट है. नागपुर आने के बाद उसने कार उक्त अपार्टमेंट रखने की बजाय 100 मीटर दूर खड़ी की और भागता हुआ अपने फ्लैट पर पहुंचा. रात होने के कारण उसे किसी ने नहीं देखा. वह फ्लैट के भीतर पहुंचा और बहुत ही शातिर तरीके से बाहर से लॉक कर दिया. उधर, वर्धा पुलिस को जानकारी मिलते ही एक टीम नागपुर पहुंची और स्थानीय पुलिस की मदद से शहरभर में रवि की तलाश शुरू कर दी लेकिन वह नहीं मिला.

    मोबाइल ने फंसाया, लॉक ने चकराया

    ऐसे में पुलिस ने रवि के मोबाइल फोन की लोकेशन की ट्रेसिंग शुरू की. मोबाइल की अंतिम लोकेशन गिरीपेठ में उसके फ्लैट की ही मिली. आनन-फानन में स्थानीय पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी ने पूरा अपार्टमेंट घेर लिया. सायरन के शोर से अपार्टमेंट में रहने वाले बाकी लोगों की नींद खुल गई और इतनी बड़ी संख्या में पुलिस वालों को देखकर सभी हैरान रह गये. मोबाइल लोकेशन के हिसाब से जब पुलिस रवि के फ्लैट पर पहुंची तो यहां बाहर से लॉक दिखा. समझा गया कि वह यहां आया ही नहीं लेकिन मोबाइल की अंतिम लोकेशन यहीं थी. आसपास के लोगों के पूछने पर वह कुछ नहीं बता पाए. ऐसे में रवि की एक गलती ने उसे गिरफ्तार करवा दिया. फ्लैट पर ताला लगाने के दौरान उसने भीतर आकर मोबाइल स्विच ऑफ किया था. इसलिए हर बार लास्ट लोकेशन यहीं मिल रही थी.

    CCTV रिकॉर्डिंग से पुख्ता हुआ शक

    फिर पुलिस ने परिसर के सीसीटीवी रिकॉर्डिंग जांची तो रवि कार से उतरकर तेजी से अपने अपार्टमेंट में फ्लैट की ओर जाता दिखा लेकिन काफी देर तक वह यहां से बाहर आते नहीं दिखा. ऐसे में पुलिस समझ गई कि वह अंदर ही है.  बार-बार आवाज देने के बाद भी अंदर से कोई हलचल नहीं हुई तो फिर दरवाजा तोड़कर भीतर आने की बात कही गई. इसके बाद भी रवि ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. फिर पुलिस ने अपना रवैया अपनाते हुए दरवाजा तोड़ने की तैयारी दिखाई को अंदर से आवाज आई, मैं अंदर ही हूं. 

    अवैध शराब तस्करी से जुड़े होने का शक

    करीब 6 बजे रवि के फ्लैट से बाहर आते ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया. उसकी कार भी जब्त कर वर्धा पुलिस के सुपुर्द कर दी गई. सूत्रों के अनुसार, रवि अवैध शराब तस्करी से जुड़ा हुआ है. उस पर वर्धा में कई मामले दर्ज हैं. उधर, गिरफ्तारी के बाद उसके प्रति पुलिस के रवैये को देखते हुए नागरिको को संदेह है कि कहीं लंबी सेटिंग के बाद तो रवि ने दरवाजा नहीं खोला था. वर्धा के लोगों ने इस कांड की लखीमपुर कांड से तुलना की. स्थानीय नागरिकों ने जिंदा व्यक्ति को कार से कुचलकर मार देने वाले रवि को कड़ी से कड़ी सजा की मांग की है.