Prajakta Verma

  • 15 अगस्त के पूर्व कार्यवाही के विभागीय आयुक्त ने दिए निर्देश

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नागपुर. विभागीय आयुक्त प्राजक्ता वर्मा ने निर्देश दिया है कि संभाग के ऐसे गांव, बस्ती, सड़कें जिनके नाम जातिवाचक हों उन्हें बदलकर नये नाम देने के संदर्भ में आने वाले 15 अगस्त से पूर्व कार्यवाही पूर्ण करें. इसके लिए जातिवाचक नाम वाले गांवों, बस्तियों, सड़कों की जानकारी एकत्र कर शहरी भाग के लिए नगर विकास विभाग नाम बदलने की कार्यवाही करे. ग्रामीण भाग के लिए ग्राम विकास विभाग यह काम करे. इसके लिए उन्होंने जनजागृति निर्माण करने हेतु स्थानीय स्तर पर विविध कार्यक्रम आयोजित करने और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, डॉक्टर्स, समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों की मदद लेने का निर्देश दिया. विभागीय आयुक्त कार्यालय में तृतीयपंथियों के कल्याण व उनके अधिकारों के संरक्षण के संदर्भ में भी उन्होंने समाज कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक ली. इस दौरान उन्होंने जातिवाचक गांवों व बस्तियों के नाम बदलने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश भी दिये. 

तृतीयपंथियों के विकास का नियोजन

विभागीय आयुक्त ने तृतीयपंथियों के कल्याण व उनके अधिकारों के संरक्षण के लिए स्थापित की गए कल्याण मंडल के अंतर्गत स्वरोजगार के लिए लोन सहित विविध योजनाओं के तत्काल अमल में लाने का निर्देश दिया. समाज कल्याण आयुक्त डॉ. प्रशांत नारनवरे, प्रादेशिक उपायुक्त डॉ. सिद्धार्थ गायकवाड़, सहायक आयुक्त मंगेश वानखेडे, उपायुक्त अंकुश केदार, धनंजय सुटे, नक्सल प्रतिबंधक विभाग के विशेष पुलिस महानिरीक्षक संदीप पाटिल, राज्य स्तरीय किन्नर विकास महामंडल के सदस्य रानी ढवले और वसी के माध्यम से जिलाधिकारी रवीन्द्र ठाकरे बैठक में उपस्थित थे. वर्मा ने कहा कि कल्याण मंडल के माध्यम से तृतीयपंथियों की शिक्षा पर जोर देने की विशेष जरूरत है ताकि वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ें. 

एट्रोसिटी के 104 मामलों की जांच प्रलंबित

बैठक में संभाग के एससी-एसटी अत्याचार प्रतिबंधक कानून के तहत दर्ज मामलों की भी समीक्षा की गई. बताया गया कि संभाग में 104 मामलों की जांच प्रलंबित है जिनमें 3 महीने से एक वर्ष तक के अपराध शामिल हैं. उन्होंने मामलों को जल्द से जल्द निपटाने का निर्दश दिया. बैठक में प्रादेशिक उपायुक्त डॉ. सिद्धार्थ गायकवाड़ ने इस संदर्भ में विस्तार से जानकारी रखी.