Gutter water spreading on the road, matter in front of Nagpur railway station
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  • 300 यात्रियों का जत्था हुआ परेशान, कमर्शियल विभाग ने संभाली स्थिति

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नागपुर. स्टेशन पर रविवार सुबह उस समय लोगों का हुजूम जम गया जब ट्रेन 02616 दिल्ली-चेन्नई जीटी एक्सप्रेस में दक्षिण भारत जाने के लिए सवार करीब 300 यात्री ट्रेन डायवर्ट होने की खबर सुनकर प्लेटफार्म पर उतर गये. ऐसे में कर्मशियल विभाग के सीनियर डीसीएम कृष्णाथ पाटिल, एसीएम शेखर बालेकर और बाकी अधिकारियों ने शांत दिमाग से स्थिति संभाली और यात्रियों को समझाकर उसी ट्रेन से रवाना किया. इस दौरान जीटी एक्सप्रेस करीब 40 मिनट की देरी से रवाना होकर आउटर तक पहुंच चुकी थी और केवल 4 बोगियां ही प्लेटफार्म से गुजरने को बाकी थे. मंडल प्रबंधन अधिकारियों की सहायता से यात्रियों ने राहत की सांस ली.

हेडक्वार्टर से मिला था मैसेज

ज्ञात हो कि आंध्रप्रदेश में भारी बारिश के कारण रेनीगुंटा जंक्शन में पटरियों पर पानी भरने के कारण दक्षिण भारत से आने और जाने वाली ट्रेनों को या तो रद्द किया गया था या डायवर्ट रूट से चलाया जा रहा है. रविवार सुबह हेडक्वारर्टर पर संदेश आया कि उक्त ट्रेनों को नागपुर से भुसावल के रास्ते चलाया जायेगा. स्टेशन पर इसका अनाउंसमेंट भी शुरू कर दिया गया. यह सुनकर दक्षिण भारत के करीब 300 से अधिक अपना सामान लेकर नागपुर स्टेशन पर ही उतरने लगे. हड़बड़ाये लोगों ने चेन पुलिंग करके अपना सामान उतारा. ऐसे में प्लेटफार्म 2 पर काफी हड़बड़ी मच गई. जानकारी मिलते ही उपस्टेशन प्रबंधक दत्तु गाडगे और कमर्शियल इंस्पेक्टर अतिन भेंडेकर प्लेटफार्म 2 पर पहुंचे. 

रूट में नहीं था कोई बदलाव

यात्रियों के रोष के कारण स्थिति तनावपूर्ण हो गई. यात्री अपने लिए पर्यायी व्यवस्था की मांग कर रहे थे. इस समय तक जीटी एक्सप्रेस रवाना नहीं हो सकी थी. दोपहर के 1 बजे चुके थे. ऐसे में वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया गया. एसीएम बालेकर भी स्टेशन पहुंचे और यात्रियों को समझाने का प्रयास किया और फिर सीनियर डीसीएम पाटिल को सारी जानकारी दी ताकि स्थिति का सुलझाया जा सके. पाटिल ने स्थिति के बारे में जानकर आश्चर्य व्यक्त किया और कहा कि जीटी एक्सप्रेस नियमित मार्ग पर चलने वाली है और डायवर्सन का कोई सवाल ही नहीं है.

4 डिब्बे बाकी थे प्लेटफार्म पर 

अब फील्ड और कंट्रोल के अधिकारियों के लिए यह एक कठिन स्थिति थी क्योंकि जीटी एक्सप्रेस को सिग्नल मिल चुका था और रवाना भी हो चुकी थी लेकिन जल्दी से कार्रवाई करते हुए एक संदेश ऑपरेटिंग कंट्रोल को रिले कर दिया गया और जीटी एक्सप्रेस को आउटर सिग्नल पर रोक दिया गया. इस समय तक जीटी के 4 डिब्बे प्लेटफार्म से बाहर निकलने थे. ऐसे में रेलकर्मियों और बाकी लोगों की मदद से अधिकारियों ने आनन-फानन में 300 से अधिक यात्रियों को दोबारा उसी ट्रेन में बैठाकर रवाना किया गया. यात्रियों ने भी राहत की सांस ली. इसी प्रकार, दिल्ली-चेन्नई तमिलनाडु एक्सप्रेस को भी इसी रूट से रवाना किया गया.