Arun Gawli
File Photo : PTI

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नागपुर. राज्य सरकार की ओर से जारी किए गए नोटिफिकेशन के अनुसार चूंकि अब 70 वर्ष की उम्र होने जा रही है. अत: सजा माफ कर रिहाई देने का अनुरोध कर अरूण गवली की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई. याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार का जवाब देने के लिए समय देने का अनुरोध याचिकाकर्ता के वकील द्वारा किया गया. जिसके बाद न्यायाधीश विनय जोशी और न्यायाधीश भरत देशपांडे ने 2 मई तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी.

याचिकाकर्ता के वकील मीर नागमन अली का मानना था कि सरकार अध्यादेश के अनुसार याचिकाकर्ता सजा माफी का हकदार है. उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट ने याचिका पर राज्य सरकार के गृह विभाग सचिव, उपसचिव, नागपुर सेंट्रल जेल के एडवाइजरी बोर्ड, जेल के अधीक्षक और पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने के आदेश दिए थे. 

14 वर्ष की पूरी हुई सजा

याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधि. अली ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से 20 जनवरी 2006 को नोटिफिकेशन जारी किया गया था. जिसके अनुसार अब याचिकाकर्ता ने न केवल 65 वर्ष की उम्र पार कर ली है, बल्कि 14 वर्ष की सजा भी पूरी कर ली है. याचिकाकर्ता कुछ पुरानी बीमारियों से भी ग्रस्त है. याचिकाकर्ता की ओर से महाराष्ट्र जेल नियम 1972 के अनुसार 1 दिसंबर 2015 को जारी किए गए नोटिफिकेशन को भी पूर्वी प्रभाव से लागू किए जाने को चुनौती दी गई. इस नोटिफिकेशन के अनुसार रूल 6 में सुधार किया गया. जिसमें मकोका के तहत सजा पानेवाले व्यक्ति को 20 जनवरी 2006 के मिलने वाले लाभ खत्म कर दिए गए.