Dengue
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  • 05 वर्ष का किया गया अध्ययन
  • 2,500 डेंगू के मरीज मिले
  • 17,306 संदिग्धों की जांच की 

नागपुर. पिछले कुछ दिनों से सिटी सहित जिले में बारिश हो रही है. मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक यही स्थिति बनी रहने की संभावना भी व्यक्त की है. यही वजह है कि स्वास्थ्य को लेकर चिंता भी बढ़ने लगी है. मच्छरों के पनपने से डेंगू का खतरा भी बढ़ने लगा है. पिछले 5 वर्षों में 2,500 डेंगू के मरीज मिले. मनपा द्वारा किए गए अध्ययन में स्पष्ट हुआ है कि बेमौसम बारिश की वजह से भी डेंगू फैलता है. इस हालत में जमा पानी को हटाने का सुझाव दिया गया है. 

2018 से 2022 तक मनपा के मलेरिया अधिकारी डॉ. जस्मील मुलानी की टीम ने डेंगू के बारे में अध्ययन किया. इस टीम में आयुक्त राधाकृष्णन बी., मेयो के  श्वसन रोग विभाग के सहयोगी प्राध्यापक डॉ. ज्ञानशंकर मिश्रा, मलेरिया विभाग के सहायक संचालक डॉ. श्याम निमगडे, मनपा के वैद्यकीय आरोग्य अधिकारी डॉ. नरेंद्र बहिरवार का समावेश था. पिछले 5 वर्षों में सिटी में 17,306 संदिग्धों की डेंगू के लिए आवश्यक आईजीएम एलिसा जांच की गई. इनमें से 2,470 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई. जांच व पॉजिटिव मरीजों की दर 14.27 फीसदी है. हर महीने औसतन 7 डेंगू के मरीज मिलने का अध्ययन में खुलासा हुआ है. पर्यावरण व सार्वजनिक स्वास्थ्य के बारे में भी उपाय योजना की गई है. डेंगू मच्छरों के लार्वा घरों के पानी के कंटेनर में पाए गए.

उपाय योजना से नियंत्रण

बेमौसम बारिश ने संकट बढ़ा दिया है. पिछले 5 वर्षों में नागपुर में मासिक 26.05 मिलीमीटर बारिश हुई. इससे डेंगू के मच्छरों को पनपने के लिए अनुकूल माहौल मिला. अध्ययन में पाया गया कि बेमौसम बारिश में डेंगू का खतरा और बढ़ जाता है. इस हालत में नागरिकों को पानी जमाकर नहीं रखना चाहिए. अधिक बारिश होने के साथ ही पानी के कंटेनरों की संख्या और वहां लार्वा पाए गए जाने वाले घरों की संख्या अधिक मिली. मनपा ने लार्वा को खत्म करने के लिए पानी में गप्पी मछली डालीं. साथ ही पानी जमा कर रखने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर संक्रमण पर नियंत्रण पाया.