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    नागपुर. विद्यमान जिप अध्यक्ष का ढाई वर्ष का कार्यकाल जून महीने में समाप्त हो रहा है. उसके बाद 17 जुलाई को नया अध्यक्ष कमान संभालेगा. अब तक लेकिन अध्यक्ष पद आरक्षण का रोस्टर घोषित नहीं होने के चलते ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. अनेक सीनियर कांग्रेसी जिप सदस्यों में उत्सुकता बनी हुई है कि किस वर्ग का आरक्षण निकलता है. वैसे ओपन और एसटी वर्ग से अध्यक्ष बनने के ही चांसेस हैं क्योंकि ओबीसी वर्ग आरक्षण पर तो सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दे दिया है कि स्थानीय निकाय के चुनाव बनी ओबीसी आरक्षण के ओपन वर्ग से करवाए जाएं. सुको के निर्देश के बाद ही जिप अध्यक्ष पद के रोस्टर का इंतजार बेसब्री से किया जा रहा है.

    सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सप्ताहभर में रोस्टर जारी होने की संभावना है. इसके बाद क्लीयर हो जाएगा कि किस वर्ग से अगला अध्यक्ष होगा. बताते चलें कि नागपुर जिप में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत से सत्ता है. राकां-शिवसेना-शेकाप भी साथ हैं.

    नियम तो यह है कि अध्यक्ष के कार्यकाल समाप्त होने के 6 महीने पहले ही आगामी अध्यक्ष किस वर्ग का होगा इसका आरक्षण तय किया जाता है. इस हिसाब से जनवरी 2022 में ही रोस्टर निकलना चाहिए था. फिलहाल एससी वर्ग का अध्यक्ष जिप में है. आगामी अध्यक्ष किस वर्ग से होगा इसका निर्धारण जनवरी में ही हो जाना चाहिए था लेकिन बताया जाता है कि ओबीसी वर्ग के आरक्षण के पेंच में यह रोस्टर भी फंसा हुआ था. जानकार बताते हैं कि अगली बारी अनुसूचित जमाति (एसटी) या ओपन वर्ग का है. इन दो में कोई एक के लिए अध्यक्ष पद आरक्षित हो सकती है.

    वरिष्ठ सदस्यों की कतार

    सत्ताधारी जिप में वरिष्ठ सदस्यों की लंबी कतार है. भाजपा को बुरी तरह पराजित कर सत्ता हासिल करने वाली कांग्रेस में वजनदार मंत्री सुनील केदार गुट हावी रहा है. उन्हीं के खेमे से अध्यक्ष-उपाध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारी भी हैं. स्वाभाविक है अगले अध्यक्ष-उपाध्यक्ष भी केदार गुट के ही होंगे. बजट की सभा और उसके पहले हुए आमसभा में 2-3 वरिष्ठ सदस्यों ने अपनी ही पार्टी अध्यक्ष को कुछ मुद्दों पर घेरकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास भी किया था.

    अप्रत्यक्ष रूप से वे यह बताना चाहते थे कि हम भी पार्टी में वर्षों से सेवा कर रहे हैं, जिसका इनाम उन्हें मिलना चाहिए. अब रोस्टर आने का उन्हें ही बेसब्री से इंतजार है ताकि अपनी फिल्डिंग लगा सकें. सुको के निर्देश के बाद सरकार द्वारा जल्द ही रोस्टर निकालने की संभावना बताई जा रही थी लेकिन करीब 20 दिन बीत जाने के बाद भी कोई निर्णय नहीं लिया गया है. सूत्र बता रहे हैं कि एकाध सप्ताह में रोस्टर आने की पूरी संभावना है.

    भाजपा ने परिपत्रक जारी कर बढ़ाया था कार्यकाल

    भाजपा के शासनकाल में जिला परिषद में भी भाजपा की ही सत्ता थी. विद्यमान अध्यक्ष रश्मि बर्वे के पूर्व ओबीसी महिला वर्ग से निशा सावरकर अध्यक्ष बनीं थीं. ओबीसी आरक्षण के मुद्दे को लेकर ही कार्यकाल समाप्ति के बाद भी तत्कालीन भाजपा सरकार ने चुनाव नहीं करवाते हुए करीब 2 वर्ष तक कार्यकाल परिपत्रक जारी कर बढ़ाया था.

    सावरकर को ढाई की जगह साढ़े चार वर्ष पद पर बना रहने का मौका मिला था. उसके बाद कोर्ट की फटकार के चलते बिना ओबीसी आरक्षण के ही ओपन वर्ग से चुनाव करवाने पड़े और कांग्रेस की सत्ता आई. चूंकि अध्यक्ष पद का रोस्टर एससी वर्ग का था इसलिए बर्वे को मौका मिला. सावरकर के पूर्व ओपन महिला वर्ग से संध्या गोतमारे अध्यक्ष बनीं थीं. उसके पहले जनरल यानी ओपन वर्ग से सुरेश भोयर और उसके पहले रमेश मानकर अध्यक्ष पद की सीट पर बैठे थे. अब अगला अध्यक्ष एसटी या फिर ओपन वर्ग का होने के आसार सबसे अधिक हैं. अब रोस्टर पर सभी की नजरें लगी हुई हैं.

    सभापति भी बदले जाएंगे

    जुलाई महीने की 17 तारीख तक जहां अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की कुर्सी पर नये पदाधिकारी बैठेंगे वहीं सभी विषय समितियों के सभापति भी बदले जाएंगे. 30 जुलाई को सभी सभापतियों की कार्यावधि भी समाप्त हो रही है. आगामी ढाई वर्ष के लिए नये सभापति चुने जाएंगे. कांग्रेस पूर्ण बहुमत से सत्ता में है तो स्वाभाविक है वह सभी सभापति अपने पाले से बनाने का प्रयास करेगी लेकिन राकां को एक विभाग दिया जा सकता है. फिलहाल महिला व बाल कल्याण सभापति राकां के कोटे से है.