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    • उम्मीदवारों का भाईचारा शुरू, सदस्यों द्वारा मोर्चाबंदी

    नागपुर. ओबीसी वर्ग में अधिक आरक्षण का हवाला देते हुए 16 जिला परिषद सीटों को रद्द कर दिया गया था. इसमें उपाध्यक्ष पद के साथ सत्तारूढ़ राकां व विरोधी पक्ष के नेताओं के भी सदस्य रद्द होने से सभागृह में किसी भी पक्ष का गटनेता नहीं है. जिलाधिकारी ने हाल ही में उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव की घोषणा की है. इस चुनाव से पहले गटनेता चुनना जरूरी है.

    इसके लिए कांग्रेस, राकां व भाजपा में मंथन शुरू है. गटनेता पद के लिए अपना नंबर लगे, इसके लिए वरिष्ठ सदस्यों के साथ ही अन्य सदस्य भी इच्छुक होने के कारण पार्टियों में अचानक भाईचारा बढ़ गया है. इसी प्रकार, गटनेता बनने के लिए सेहरा बांधकर तैयार बैठे नेताओं ने भी मोर्चेबंदी शुरू कर दी है. पार्टियों की आगामी बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा.

    कांग्रेस में धमाचौकड़ी

    जिला परिषद में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है लेकिन इसमें भी 3 धड़े हैं. इसमें केदार, मुलक और गांवडे गट का समावेश है. पिछली बार केदार समूह के उपाध्यक्ष को गटनेता पद की जिम्मेदारी दी गई थी. कुछ सदस्यों में नाराजगी थी कि एक ही व्यक्ति को 2 पद मिले लेकिन वह चुप थे क्योंकि वह पशुपालन मंत्री केदार का विरोध नहीं करना चाहते थे.

    जैसा कि यह लगभग तय है कि उपाध्यक्ष का पद इस बार भी केदार समूह के पास रहेगा, अन्य सदस्य आग्रह कर रहे हैं कि समूह के नेता के रूप में किसी और को मौका मिलना चाहिए. साथ ही कई लोगों को उम्मीद है कि सदन के वरिष्ठ सदस्यों को यह पद मिलना चाहिए. इसके अलावा यह भी मांग की जा रही है कि समूह के नेता के रूप में केवल एक पुरुष सदस्य का चयन किया जाए. कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्यों में शांता कुमरे, कुंदा राऊत, नाना कभाले, अरुण हटवार और तपेश्वर वैद्य के नामों पर भी चर्चा हो रही है.

    राकां में बंग, जोध के नाम पर चर्चा 

    सदन में राकां के 8 सदस्य हैं. यह पद पार्टी नेता चंद्रशेखर कोल्हे की सदस्यता रद्द होने के कारण रिक्त है. राकां के सलील देशमुख सदन सदस्य है. हालांकि फिलहाल नॉट रिचेबल है. इसलिए, राकां द्वारा इस पद के लिए हिंगना तहसील के में रायपुर निर्वाचन क्षेत्र के सदस्य दिनेश बंग और भीष्णुकर सर्कल के प्रवीण जोध के नामों पर चर्चा की जा रही है. बंग, पूर्व मंत्री रमेशचंद्र बंग के समूह के हैं और जोध पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के समूह से संबंधित हैं. देशमुख पिता-पुत्र फिलहाल राजनीति से दूर हैं. ऐसे में सभी का ध्यान इस बात पर है कि किस दल को नेता का पद मिलेगा.

    भाजपा में बरबटे की चर्चा

    सदन में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी भाजपा के 14 सदस्य हैं. भाजपा के पूर्व नेता अनिल निधि की सदस्यता रद्द कर दी गई है. वह उप चुनाव भी हार चुके हैं. उनकी अनुपस्थिति में उप-समूह के नेता वेंकट कारेमोर को समूह नेता पद की जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन भाजपा सदस्य मांग कर रहे हैं कि सत्ताधारी दल को फंसाने वाले और आक्रामक नेता हो. ऐसे में कैलाश बारबटे के नाम पर बीजेपी में चर्चा हो रही है. वेंकट कारेमोरे और आतिश उमरे के नाम भी चर्चा में हैं. इसके अलावा महिला सदस्य राधा अग्रवाल भी जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं. इस संबंध में गुरुवार को पूर्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले और कुछ वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक होगी. बैठक में गट नेता के चयन पर मुहर लगने की संभावना है.