Nagpur Corona Update

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    •  32 नये संक्रमित जिले में
    •  27 सिटी में मिले 
    • 104 एक्टिव केस

    नागपुर. कोरोना की तीसरी लहर की आशंका सरकार व प्रशासन द्वारा कई दिनों से जताई जा रही है. सिटी सहित जिले में बीते 4 दिनों से रोज ही नये संक्रमितों के मिलने की संख्या में बढ़ोतरी तेजी से हो रही है. जिसे देखते हुए ऐसा प्रतीत होने लगा है कि कहीं एक बार फिर यह महामारी सिटी को अपनी चपेट में न ले ले. संडे को जिले में 32 नये कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं. इनमें से 27 तो सिटी के ही हैं.

    वहीं जिले के ग्रामीण भागों के 2 और जिले के बाहर के 3 संक्रमितों का समावेश है. बताते चलें कि एक दिन पूर्व शनिवार को जिले में 24 नये पॉजिटिव मिले थे जिसमें से 21 सिटी के थे. संडे को मिले पॉजिटिव को मिलाकर अब तक सिटी में कुल एक्टिव केस 104 हो गये हैं जिनका जिले के विविध अस्पतालों में उपचार किया जा रहा है. इसमें 88 सिटी के और 11 ग्रामीण भागों के हैं. 5 संक्रमित जिले के बाहर के हैं. 

    दुबई से आए 5 पॉजिटिव

    संडे को दुबई से आए 5 यात्रियों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने से स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है. दुबई की फ्लाइट से आने वाले यात्रियों की एयरपोर्ट पर आरटी-पीसीआर टेस्ट की गई जिसमें 5 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. पांचों को एम्स में भर्ती किया गया है. जांच के नमूने जिनोम सिक्वेसिंग के लिए 27 दिसंबर को भेजा जाएगा. उसके बाद ही यह पता चलेगा कि वे नये वैरिएंट ओमिक्रॉन से पीड़ित तो नहीं हैं.

    यह जानकारी मनपा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय चिलकर ने दी. फिलहाल सिटी में अब तक विदेशों से आने वालों में 2 ही यात्री ओमिक्रॉन से पीड़ित मिले हैं लेकिन वे भी स्वस्थ्य होकर अपने घर लौट चुके हैं. बावजूद इसके खतरे को देखते हुए सिटी सहित पूरे जिले में प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है. लोगों को भीड़ नहीं करने की अपील की जा रही है. जमावबंदी लागू कर दी गई है. 

    ऐसे ही बढ़ी थी पहली व दूसरी लहर

    बताते चलें कि कोरोना की पहली व दूसरी लहर भी इसी तरह पहले धीरे-धीरे बढ़नी शुरू हुई थी और उसके बाद इतनी तेजी आ गई थी कि हालात को संभालने के लिए की गई सारी तैयारियां भी कम पड़ी थीं. लोगों को अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, रेमडेसिविर सहित कई तरह की दवाइयों का टोटा हो गया था. बेड नहीं मिलने से कई पीड़ितों की एम्बुलेंस व घरों में ही मौत हो गई थी. विशेषज्ञों की मानें तो तीसरी लहर तो पिछली दो लहरों से भी भयावह हो सकती है इसलिए नागरिकों को इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है.

    मास्क लगाना, सैनिटाइजर का उपयोग और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना तो लगभग सभी ने छोड़ ही दिया है जो खतरनाक हो सकता है. जिलाधिकारी विमला आर., विभागीय आयुक्त प्राजक्ता लवंगारे, मनपा आयुक्त राधाकृष्णन बी. लगातार थर्डवेव आने की आशंका के चलते बैठकें कर रहे हैं. यंत्रणाओं को तैयार रहने के निर्देश दे रहे हैं.

    बच्चों को अधिक खतरा

    विशेषज्ञ लगातार सचेत कर रहे हैं कि तीसरी लहर का कहर बच्चों पर ही अधिक टूटेगा. देशभर में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी तरह की वैक्सीन नहीं लगी है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 3 जनवरी से इसकी शुरुआत करने की घोषणा की है लेकिन उससे पहले ही सिटी में कोरोना के संक्रमितों की संख्या रोज ही बढ़ रही है. हालांकि अब तक बच्चों के संक्रमित होने का मामला सामने नहीं आया है लेकिन कहा जा रहा है कि बच्चों को ही वैक्सीन नहीं लगा है.

    इसलिए थर्डवेव का सबसे अधिक खतरा उन्हें ही होगा. ओमिक्रॉन वैरिएंट को कुछ रिपोर्ट में कम खतरनाक तो कुछ रिपोर्ट में अधिक खतरनाक बताया जा रहा है. इसके दुष्परिणामों को लेकर अभी भी संभ्रम की स्थिति है. इसलिए बेहतर यही है कि सभी नागरिक कोविड के प्रोटोकाल का पालन करना फिर शुरू कर दें. खुद बचें और अपने बच्चों को भी इस महामारी की चपेट में आने से बचाएं.