Preity's bank accounts started to be investigated, police custody extended till 20

  • सीताबर्डी प्रकरण में 2 जुलाई तक पुलिस हिरासत

Loading

नागपुर. हाईप्रोफाइल ठग प्रीति दास का जेल और हवालात में जाना-आना लगा हुआ है. वह इतने लोगों को ठग चुकी है कि पुलिस विभाग में शिकायतों का तांता लग गया. अब सीताबर्डी में दर्ज ठगी के प्रकरण में उसे जेल से गिरफ्तार किया गया. न्यायालय ने उसे 2 जुलाई तक पुलिस हिरासत में रखने के आदेश दिए है. सीताबर्डी के एनआईटी कांप्लेक्स में प्रीति ने गैलेक्सी कंसलटेन्सी सर्विसेस नामक कार्यालय खोला. यहां से वह बेरोजगार युवकों को ठगने का काम करती थी. नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों को चूना लगाती थी.

टेलीकॉलिंग के जरिए युवाओं को कार्यालय में बुलाया जाता था. सेटिंग से नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे रकम ली जाती थी. उन्हीं में से एक वर्धा निवासी नवल राधेश्याम पांडे (28) था. नवल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर चुका था और नौकरी की तलाश में था. मार्च 2017 में वह प्रीति के कार्यालय में गया. उसे ओसीडब्लू में नौकरी दिलाने का झांसा दिया गया. इसके लिए अधिकारियों को 1.50 लाख रुपये देने होंगे कहा गया. प्रीति की फीस अलग थी.

नवल पैसे देने के लिए राजी हो गया. चेक देने पर प्रीति ने कैश की डिमांड की. नवल ने उसे डेढ़ लाख रुपये दे दिए. कुछ दिन बाद नवल को नियुक्ति पत्र दिया गया. ओसीडब्लू के कार्यालय जाकर जांच करने पर पत्र फर्जी होने का पता चला. उसने प्रीति से रकम वापस मांगी तो धमकाने लगी.

नवल ने सीताबर्डी पुलिस से शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. अब प्रीति का भांडाफोड़ होने के बाद मामला दर्ज किया गया. क्राइम ब्रांच की टीम ने प्रीति को जेल से प्रोडक्शन वारंट पर हिरासत में लिया. सोमवार को उसे न्यायालय में पेश किया गया. अदालत ने उसे 2 जुलाई तक पुलिस हिरासत में रखने के आदेश दिए.