Fraud
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    नागपुर. विद्यापीठ के नाम पर फर्जी प्रमाणपत्र और मार्कशीट बनाकर लोगों को ठगने वाले आरोपी को अतिरिक्त मुख्य न्यायादंडाधिकारी बी. एम. कारलेकर ने दोषी करार देते हुए 3 वर्ष कारावास की सजा सुनाई. आरोपी भंडारा निवासी दीनानाथ भिखूलाल नागपुरे (22) बताया गया.

    दीनानाथ महाराजबाग चौक पर स्थित विद्यापीठ के कार्यालय में उम्मीदवारों के मूल दस्तावेज हटा देता था. उसकी जगह पर फर्जी तरीके से बनाई गई मार्कशीट और प्रमाणपत्र रख देता था. मार्च 1999 में उसका भांडा फूट गया. सीताबर्डी पुलिस से शिकायत की गई और उसके खिलाफ विविध धाराओं के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया. तत्कालीन पुलिस निरीक्षक आर.ए. सैयद ने प्रकरण की जांच कर न्यायालय में आरोपपत्र दायर किया.

    सरकारी वकील ए.डी. नंदेश्वर आरोप सिद्ध करने में कामयाब हुई. न्यायालय ने धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेज बनाने के मामले में दीनानाथ को दोषी करार देते हुए 3 वर्ष कारावास की सजा सुनाई. बतौर पैरवी अधिकारी एएसआई हरिभाऊ और हेडकांस्टेबल बाबाराम ने कामकाज संभाला.