नागपुर. शहर में नवजात बच्चों की खरीद-फरोख्त करने वाली कई गैंग सक्रिय हैं. इसके पहले झोला छाप डॉक्टर और उसकी गैंग को क्राइम ब्रांच के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग डिपार्टमेंट ने गिरफ्तार किया था. अब एक नया गिरोह पुलिस के हाथ लगा है. इस मामले में पुलिस ने दलाल, खरीददार और किसी समय अस्पताल में नौकरी करने वाली 2 परिचारिकाओं को गिरफ्तार किया है. हालांकि इस गैंग का मुखिया राठौड़ लेआउट, अनंतनगर निवासी सलामउल्ला खान (62) बताया जा रहा है.
58 वर्षीय महिला ने सलामउल्ला और धंतोली परिसर में स्थित अस्पताल में काम करने वाली 2 परिचारिकाओं की मदद से बच्चा खरीदा था. सुरेंद्रगढ़ में रहने वाली महिला के छोटे बेटे ने किसी कारण से आत्महत्या कर ली थी. बड़ा बेटा संपत्ति के लिए लगातार मां के साथ विवाद करता था. यहां तक की सरेआम उसने मां के साथ मारपीट की.
प्रकरण पुलिस स्टेशन भी गया. मां को बुढ़ापे के लिए कोई तो सहारा चाहिए था. उसने प्रयास किया कि किसी तरह आईवीएफ के जरिए बच्चे को जन्म दे लेकिन वह संभव नहीं हो पाया. बस इसीलिए उसने यह गलत कदम उठा लिया. वह अस्पताल में बच्चे के लिए भटक रही थी. इसी दौरान निजी अस्पताल में काम करने वाली 2 नर्सों से उसकी पहचान हुई.
नर्स ने उन्हें सलामउल्ला के बारे में बताया. महिला ने उससे संपर्क किया. सलामउल्ला ने 3 लाख रुपये में बच्चा उपलब्ध करवाने की जानकारी दी. सितंबर 2019 में उसने झांसी रानी चौक पर महिला को 3 लाख रुपये में बच्चा बेच दिया. यह बच्चा बड़े बेटे की आंख में खटक रहा था. उसे लगा कि संपत्ति में नया हिस्सेदार आ गया है. उसने पुलिस से शिकायत की.
जांच में बच्चे की खरीद-फरोख्त की बात सामने आई. पुलिस ने बच्चा खरीदने वाली महिला, सलामउल्ला और अन्य 2 महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया. उन्हें न्यायालय में पेश कर शनिवार तक पुलिस हिरासत हासिल की है. जांच अधिकारी पीआई नंदा मनगटे ने बताया कि आरोपियों ने बच्चा कहां से लाया? उसके माता-पिता कौन हैं? कहां उसका जन्म हुआ? इसकी जांच चल रही है.
इस मामले में और भी आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है. सलामउल्ला बाल संगोपन की आड़ में यह काला काम करता है. संदेह है कि इस तरह उसने और भी बच्चे बेचे होंगे. समाजसेवा के नाम पर वह यह काम कर रहा था.