Dr Vipin Itankar

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    नागपुर. शहर में जिला कलेक्टर के स्पष्ट निर्देश हैं कि जहां स्कूल या कॉलेज हों वहां 500 मीटर के दायरे में तम्बाकू उत्पाद न बेचे जाएं लेकिन सिटी में इस नियम का पालन होता नहीं दिख रहा है. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला कलेक्टर डॉ. विपिन इटनकर ने दो महीने पूर्व अधिकारियों की  बैठक लेकर चिंता जताई थी. साथ ही आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए थे. उन्होंने बैठक में नशे के प्रति जागरूकता लाने के लिए पुलिस के साथ दूसरे संबंधित विभागों को ध्यान देने की बात भीकही थी  जिससे युवाओं को किसी तरह नशे की गिरफ्त में आने से बचाया जा सके. लेकिन निर्देशों का असर शहर में दिखांई नहीं दे रहा है. 

    शहर के अभिभावकों का कहना है कि स्कूल और कॉलेजों के 500 मीटर के दायरे को तम्बाकू उत्पादों से मुक्त बनाना बेहद जरूरी है. दूकानदार कमाई के लिए  बड़ी चालाकी से युवाओं को अपना परमानेंट ग्राहक बना रहे हैं. नशे की ज्यादातर चीजें टपरी और छोटी दूकानों में ही मिलती हैं. इस मामले में स्कूल प्रबंधन के साथ अभिभावकों को जागरूकता का परिचय देते हुए मामले पर सख्त निगाह रखना चाहिए. अगर कोई युवा नशे की चीज खरीदता पाया जाता है तो उसकी काउंसलिंग करनी होगी. पॉकेट मनी देने समय भी छात्रों को उसे खर्च कहां करना है के बारे में बताना होगा. 

    सचेत रहने की जरूरत है

    इस मसले पर  शिक्षाविदों और समाजशास्त्रियों का कहना है कि शहर प्रशासन तम्बाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने के गंभीर मामलों में बैठकर कर चिंतन तो करता है लेकिन उसे जमीनी हकीकत का रूप देने के प्रयास बहुत कम स्तर पर होता है. इसी का परिणाम है कि तम्बाकू उत्पाद  बेचने वाली दूकानें शहर में खूब फल फूल रही हैं. छात्र अपनी पॉकेट मनी से इन चीजों को खरीदते हैं. जब तब अभिभावकों को इस लत के बारे में जानकारी मिलती है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है. सभी को मिलकर इस विषय में सकारात्मक कदम उठाने की जरूरत है.