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    नागपुर. ट्रेनें रद्द होने की स्थिति में यात्रियों को पंजीकृत मोबाइल पर मैसेज भेजकर सूचित करने वाली रेलवे की मैसेजिंग सेवा ने इस बार यात्रियों को धोखा दे दिया. अचानक बदले हुए रूट से चल रही ट्रेन की सूचना यात्रियों को नहीं दी गई जिससे नागपुर स्टेशन से सवार होने वाले सैकड़ों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा. यशवंतपुर से हजरत निजामुद्दीन जाने वाली ट्रेन 12649 संपर्कक्रांति एक्सप्रेस का शनिवार को अचानक रूट बदल दिया गया. ऐसे में ट्रेन को नागपुर स्टेशन के लिए रद्द माना गया. यह ट्रेन शाम 5.15 बजे नागपुर पहुंचती है. कई यात्रियों को इस बाबत सूचना नहीं मिलने से वे सफर की पूरी तैयारी के साथ स्टेशन पहुंच गये लेकिन यहां आने पर उन्हें ट्रेन रद्द होने का पता चला. 

    सीट कन्फर्म का मैसेज, डायवर्शन का नहीं

    इस ट्रेन में दक्षिण पूर्व मध्य रेल जोन के जोनल रेलवे उपभोक्ता व सलाहकार समिति के सदस्य विजय ढवले भी नागपुर से निजामुद्दीन के लिए सफर करने वाले थे. उन्हें फाइनल चार्टिंग पर अपनी सीट कन्फर्म होने का मैसेज आया लेकिन ट्रेन डायवर्ट होने की कोई सूचना नहीं मिली. उन्होंने आदतन मोबाइल एप पर ट्रेन का स्टेटस चेक करने के लिए ट्रेन नंबर फीड किया तो पता चला कि इसे सीताफल मंडी से बीना के बीच डायवर्ट कर दिया गया है. अब यह ट्रेन शनिवार को नागपुर नहीं आयेगी.  हर यात्री उनकी तरह जागरूक नहीं रहा और ट्रेन के निर्धारित समय पर स्टेशन पहुंच गया लेकिन यहां अाने पर पता चला कि संपर्कक्रांति रद्द कर दी गई है.

    कस्टमर केयर का टका सा जवाब 

    एक जरूरी काम से रेलवे मंत्रालय जा रहे ठवले ने रेल मदद पोर्टल और कस्टमर केयर दोनों पर इसकी शिकायत दर्ज कराई. कस्टमर केयर से उन्हें हैरान करने वाला जवाब मिला. बकौल ढवले कस्टमर केयर प्रतिनिधि ने कहा कि उन्हें उनका किराया वापस मिल जायेगा. इस पर ढवले ने कहा कि यदि मुझे किराये की चिंता होती तो मैं आरक्षित श्रेणी की टिकट क्यों बनाता, जनरल टिकट ही खरीद लेता. किराया नहीं, मेरा काम जरूरी था. लगता है कि रेलवे मंत्रालय और बोर्ड की मानसिकता केवल राजस्व तक ही सीमित हो गई है. अब वे यात्री की सुविधा और उपयोगिता से वास्ता नहीं रखते.

    यात्री PIL का अधिकारी

    पिछले कुछ महीनों से रेलवे कभी कोयला परिवहन तो कभी मेंटेनेंस और डेवलपमेंट वर्क के नाम पर सैकड़ों ट्रेनें रद्द कर रहा है. इसमें हजारों यात्री बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं. महीनों पहले अपनी परीक्षा, कामकाज, पारिवारिक कार्यक्रम की योजना बनाकर कन्फर्म टिकट लेकर यात्रा की तैयार कर रहे हजारों यात्री ऐन वक्त पर सफर से वंचित हो रहे हैं. रेलवे किराया वापसी की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ रही है लेकिन यात्री सुविधा ताक पर चली गई है. इस पर आरटीआई एक्टविस्ट मोहनीश जबलपुरे ने कहा कि यदि रेलवे द्वारा लगातार इस प्रकार की कार्यप्रणाली अपनाई जा रही है तो यात्री रेलवे के खिलाफ जनहित याचिका दायर कर सकता है क्योंकि यह किसी की व्यक्तिगत परेशानी नहीं है बल्कि हर दिन हजारों-लाखों यात्री सफर से वंचित और परेशान हो रहे हैं.