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  • नई ट्रेन चलाने की सख्त जरूरत

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नागपुर. पटना तथा बनारस की ओर जाने वाली ट्रेनों में क्षमता से दोगुने यात्री सफर कर रहे हैं. इस बात की पुष्टि अब सेंट्रल रेलवे प्रशासन की तरफ से दिए गए आंकड़ों में हो गई है. चूंकि बनारस प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है, इसलिए भीड़ के आंकड़ों के उजागर होने से रेल मंत्रालय पर नई ट्रेन चलाने के लिए दबाव बढ़ जाएगा.

दरअसल जेडआरयूसीसी के एक सदस्य को भेजे पत्र में रेलवे प्रशासन की तरफ से बताया गया है कि 4 जोड़ी गाड़ियां बनारस के लिए वाया नागपुर चलाई जा रही है. इन ट्रेनों में 1 अक्टूबर 21 से 31 मार्च 22 तक यूटिलाइजेशन प्रतिशत का आंकड़ा उपलब्ध कराया गया है, जिसके अनुसार (12791/12792) सिकंदराबाद-दानापुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस में क्रमश: 162.02 एवं 177.94 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी है.

इसी प्रकार (22535/ 22536) रामेश्वरम-बनारस सुपरफास्ट में क्रमश: 158.22, 138.38 प्रतिशत, (22669/22670) एर्नाकुलम-पटना एक्सप्रेस में क्रमश: 164.88,188.75 प्रतिशत तथा (12669/12670) गंगा कावेरी एक्सप्रेस में क्रमश: 153.71,141.38 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी है. इन आंकड़ों के आधार पर रेलवे के जोनल कार्यालय ने यह स्वीकार कर लिया कि पटना और बनारस रूट पर भीड़ को देखते हुए एक नई ट्रेन चलाने की सख्त जरूरत है.

क्षेत्रीय रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति के सदस्य सतीश यादव ने कहा कि पटना और बनारस रूट पर अतिरिक्त ट्रेन चलाने की मांग लंबे समय से की जा रही थी. अब आंकड़ों में भी इस बात की पुष्टि हो गई है. यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रेल मंत्रालय को जल्दी से जल्दी अतिरिक्त ट्रेन चलाने की मांग को हरी झंडी दिखानी चाहिए.