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  • 22 इमारतों को तोड़कर नया बनाने की जरूरत
  • 40 वर्ष पुरानी हो चुकी हैं जर्जर इमारतें

नागपुर. सरकार ग्रामीण व दुर्गम भागों में स्वास्थ्य सेवा को मजबूत करने की बात तो करती है लेकिन जिले में ऐसे अनेक प्राथमिक आरोग्य केन्द्र हैं जो 4 दशक पुराने जर्जर इमारत पर चल रहे हैं. बारिश के दौरान सीपेज और लीकेज इतना होता है कि मरीजों का उपचार करने के लिए जगह नहीं बचती. ऐसी इमारतों तो गिराकर नई इमारत बनाने की जरूरत है लेकिन सरकार द्वारा निधि नहीं मिलने के चलते कार्य लटके हुए हैं और पीएचसी की इमारतें और खस्ताहाल होती जा रही हैं. स्वास्थ्य विभाग जिला परिषद ने जिले में 22 ऐसे पीएचसी इमारतों को चिन्हित किया है जिसे तोड़कर नई इमारत बनाने की जरूरत हैं. ये इमारतें वर्ष 1983-1984 की हैं. 40 वर्ष पुरानी इमारतें जीर्ण हो रही हैं. खतरों के बीच यहां मरीजों का उपचार चल रहा है.

DPC मांगी है निधि

कुछ पीएचसी के निर्माण के लिए विभाग ने डीपीसी से फंड की मांग की है लेकिन अब तक नहीं मिला है. उपाध्यक्ष व स्वास्थ्य समिति सभापति कुंदा राऊत ने बताया कि जीर्ण इमारतों को गिराकर नई इमारत निर्माण की जरूरत है जिसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी गई है. हिंगना के आड़ेगांव और कुही के मांढल पीएचसी के लिए तो डीपीसी से निधि की मांग भी की गई है. अन्य पीएचसी के लिए सरकार से निधि की मांग की जाएगी. इसके अलावा अनेक पीएचसी व सबसेंटरों की मरम्मत के लिए निधि की जरूरत है. बीते 2 वर्षों से सरकार से कोई निधि नहीं मिलने के चलते मरम्मत के कार्य भी लटके हुए हैं. बारिश के दिनों में छतें टपकती हैं और दीवारों से पानी का रिसाव होता है जिसके कारण कुछ पीएचसी में ऑपरेशन थिएटर भी बंद करना पड़ता है.

250 करोड़ की जरूरत

एक पीएचसी निर्माण के लिए करीब 10 करोड़ रुपयों से अधिक की निधि लगती है. जिले की 22 पीएचसी इमारतों को गिराकर नई इमारत बनाने के लिए लगभग 250 करोड़ रुपयों की जरूरत है. सरकार से उक्त निधि की मांग की जाएगी. भिवापुर तहसील में नांद, जवली, हिंगना में अड़ेगांव, टाकलघाट, कमठी में गुमथी, काटोल में कचारी सावंगा, कुही तहसील में माढेल और बेलतूर, मौदा में कोंदामेंढी और तारसा पीएचसी को नया बनाने की जरूरत है. वहीं नागपुर ग्रामीण में बोरखेड़ी, नरखेड़ में मेंढला, मोवाड़, जलालखेड़ा, पारशिवनी में नवेगांव खैरी, साटक, रामटके में नगरधन, हिवराबाजार और मनसर, सावनेर में चिंचोली व बड़ेगांव और उमरेड तहसील में मकरधोकड़ा पीएचसी की इमारतें 40 वर्ष पुरानी हो चुकी हैं. ये सभी 22 पीएचसी की इमारतें जीर्ण हो चुकी हैं.