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    नागपुर. जुलाई महीने की अतिवृष्टि और बाढ़ के हालातों के चलते जिले के ग्रामीण भागों में लगभग 500 किमी के लगभग ग्राणीण और अन्य ग्रामीण रास्ते खराब हो चुके हैं. ऊपर से अगस्त महीने में भी भारी बारिश के चलते सड़कों को और नुकसान पहुंचा है. जिला परिषद बांधकाम विभाग ने बारिश के चलते खराब हुए सड़कों की दुरुस्ती के लिए निधि की मांग का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है लेकिन फिलहाल हालत यह है कि राज्य में सत्ता बदलते ही नई सरकार ने 1 अप्रैल 2021 से उस सभी कार्यों को स्थगित कर दिया जो शुरू नहीं हुए थे. अब बारिश में खराब सड़कों की मरम्मत तक नहीं हो पा रही है.

    जिप उपाध्यक्ष व बांधकाम समिति सभापति सुमित्रा कुंभारे की अध्यक्षता में हुई बैठक में कम से कम अतिवृष्टि से खराब हुई सड़कों, पुलिया आदि की मरम्मत की अनुमति देने की मांग राज्य सरकार से की है. इस आशय का प्रस्ताव पारित कर राज्य सरकार को भेजने का निर्णय लिया गया है. बैठक में समिति सदस्य व्यंकट कारेमोरे, दुधाराम सव्वालाखे, विभाग के कार्यकारी अभियंता सुभाण गणोरकर व अन्य सदस्य उपस्थित थे. 

    खनिज निधि से सुधार के आदेश

    नागरिकों की समस्या के निराकरण के लिए बैठक में सभापति ने गांवों के खराब हो गए पांधन रास्तों और नानप्लान के खराब रास्तों की दुरुस्ती का प्रस्ताव करने का निर्देश अधिकारियों को दिया है. उक्त कार्य खनिज निधि से करने का प्रस्ताव तैयार करने को कहा है. उन्होंने कहा कि शेष ग्रामीण सड़कों की मरम्मत का कार्य जब सरकार से निधि मिलेगी तब शुरू हो सकेंगे लेकिन जो नानप्लान की सड़कें व पांधन हैं उनकी दुरूस्ती का कार्य खनिज निधि से करें. 

    सरकार ने 1 अप्रैल 2021 से जिले के सभी ऐसे विकास कार्यों को स्थगित कर दिया जो शुरू नहीं हुए थे. डीपीसी निधि से मंजूरित कार्य भी अटक गए हैं. जिले में अतिवृष्टि व बाढ़ग्रस्त इलाकों में बड़े पैमाने पर सड़क, पुल खराब हुए हैं जिससे नागरिकों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सरकार को कम से कम अतिवृष्टि से खराब सड़कों के सुधार कार्य की अनुमति देनी चाहिए.

    – सुमित्रा कुंभारे, उपाध्यक्ष, जिला परिषद