RTMNU, nagpur University

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    • 90 मिनट का मिलेगा समय 
    • 50 प्रश्‍न होंगे परीक्षा में 
    • 40 प्रश्‍नों के उत्तर होंगे ग्राह्य 
    • 03 सत्र में ली जाएगी एग्जाम

    नागपुर. राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय द्वारा ग्रीष्म सत्र परीक्षाएं ऑफलाइन पद्धति से ली जाएंगी. इस संबंध में शुक्रवार को हुई विद्वत परिषद की आपात बैठक में निर्णय लिया गया. हालांकि परीक्षा ऑफलाइन ली जाएगी लेकिन इसे बेहद आसान बनाया गया है. प्रश्‍नों का स्वरूप बहुपर्यायी होगा. साथ ही ‘जहां कॉलेज वहीं सेंटर’ की तर्ज पर परीक्षा संचालित की जाएगी.

    विद्वत परिषद के निर्णय के साथ ही विवि ने इससे पहले जारी किए गए अध्यादेश को रद्द कर दिया है. बैठक के बाद परीक्षा व मूल्यमापन मंडल के संचालक ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर जानकारी दी. परीक्षा का टाइम टेबल 1-2 दिनों में घोषित कर दिया जाएगा. इसके लिए छात्रों को विवि की वेबसाइट देखते रहने की अपील की गई है. दरअसल उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने राज्यभर के विश्वविद्यालयों में परीक्षा ऑफलाइन पद्धति से लेने के निर्देश दिए थे. इसके बाद ही विवि ने परीक्षा तिथि और पद्धति में बदलाव किया है.

    जहां कॉलेज वहीं सेंटर

    8 जून से स्नातक पाठ्यक्रम के तहत अंतिम वर्ष की परीक्षा और 15 जून से सभी स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष की परीक्षा, 22 जून से सभी पाठ्यक्रमों के सम सत्र की परीक्षा ली जाएगी. परीक्षा महाविद्यालय स्तर पर ली जाएगी. यानी जो छात्र जिस कॉलेज का विद्यार्थी है उसे उसी कॉलेज में परीक्षा में देनी होगी. एमसीक्यू पद्धति की वजह से लिखित परीक्षा के मूल्यांकन के लिए लगने वाला समय बचेगा. इससे समय पर परिणाम घोषित करने में मदद मिल सकेगी. एक ही दिन में 3 सत्र में परीक्षा ली जाएगी. 

    बढ़ेगी मेरिट छात्रों की संख्या, गुणवत्ता ऑनलाइन जैसी ही

    परीक्षा बहुप्रश्न पद्धति से ली जाएगी. यानी छात्रों के सामने विकल्प दिए रहेंगे. परीक्षा 90 मिनट तक चलेगी. प्रश्न पत्र में कुल 50 प्रश्‍न शामिल होगे. इनमें से 40 प्रश्‍नों के उत्तर काउंट किए जाएंगे. परीक्षा का पूरा फार्मेट ऑनलाइन जैसे ही है. फर्क इतना है कि छात्रों को केंद्र में जाकर परीक्षा देना होगा. जानकारों का कहना है कि पद्धति को आसान बनाए जाने से इस बार भी अधिकाधिक छात्र न केवल उत्तीर्ण होंगे बल्कि मेरिट में आने वालों की संख्या भी अधिक होगी लेकिन इस तरह के परिणाम को ऑनलाइन परीक्षा की तरह ही काउंट किया जाएगा. हालांकि छात्र उत्तीर्ण तो होंगे लेकिन सही अर्थों में उनकी बुद्धिमत्ता का आकलन नहीं हो सकेगा.