Chandrakant Patil, MKCL

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    नागपुर. आरटीएम नागपुर विवि में ऑनलाइन परीक्षाओं की जिम्मेदारी संभालने वाली एजेंसी एमकेसीएल के कामकाज सहित प्राधिकरण सदस्यों की शिकायत की जांच के लिए उच्च शिक्षा विभाग के उपसचिव की अध्यक्षता में समिति गठित की गई थी. पिछले दिनों समिति ने दो दिनों तक सभी मामलों की जांच की. इस संबंध में मंगलवार को उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. अब देखना है कि मंत्री इस मामले में उपकुलपति के खिलाफ क्या एक्शन लेते हैं.

    दरअसल एमकेसीएल की लचर कार्यप्रणाली की वजह से ग्रीष्म सत्र की सभी परीक्षाओं के परिणाम अटक गये. करीब 5 महीने तक परिणाम घोषित ही हुये. इससे छात्रों की परेशानी बढ़ गई. विधान परिषद में सदस्य अभिजीत वंजारी और प्रवीण दटके ने मामले की जांच की थी. इसके बाद खुद उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री ने विवि ने विजिट की और बैठक लेकर एमकेसीएल को हटाने के आदेश दिये.

    लापरवाही होगी उजागर 

    इसके बाद शिक्षा विभाग ने समूचे मामले की जांच के लिए उच्च शिक्षा विभाग के उपसचिव को जांच के लिए भेजा था. समिति ने दो दिनों तक सभी तरह की फाइलें खंगालीं. साथ ही विधायक प्रवीण दटके, प्राधिकरण सदस्य एड.मनमोहन बाजयेपी, विष्णु चांगदे ने भी समित के पास व्यक्तिगत रूप से शिकायत की थीं.

    बाजपेयी ने एमकेसीएल के साथ ही उप कुलपति द्वारा नियमों के विरुद्ध विविध कार्यों के दिये गये टेंडर का मामला भी उजागर किया था. विवि द्वारा पिछले वर्षों में की गई मनमर्जी का कच्चा-चिट्ठा खोल दिया गया था. सभी मुद्दों पर जांच के बाद उपसचिव ने रिपोर्ट तैयार कर मंत्री को सौंप दी है. माना जा रहा है कि यदि गंभीरता और वस्तुविष्ठता के साथ जांच हुई होगी तो अनेक लापरवाही उजागर हो सकती है.