Maharajbagh Zoo, nagpur

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    नागपुर. डॉ. पंजाबराव कृषि विवि के अंतर्गत महाराजबाग प्राणी उद्यान आता है. इसलिए इस परिसर में सुबह में भ्रमण करने देना है अथवा नहीं देना है, इसका निर्णय लेने का हक विवि प्रशासन को है. इस संबंध में विवि प्रशासन को किसी प्रकार का आदेश नहीं दिया जा सकता है. यह निर्णय गुरुवार को मुंबई हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने डॉ. चंद्रकांत रघाटाटे, प्रमोद नरड व अन्य नागरिकों की तरफ से दायर याचिका पर दिया.

    दरअसल महाराज बाग प्राणी उद्यान परिसर में घूमने देने की इजाजत देने के संबंध में याचिका दायर की गई थी. याचिका में बताया गया था कि कई वर्षों से लोग यहां सुबह में घूमने के लिए आ रहे थे लेकिन 9 अप्रैल 2022 से महाराजबाग प्रशासन ने नागरिकों के सुबह में घूमने पर रोक लगा दी.

    इस मामले में केंद्रीय प्राणी उद्यान प्राधिकरण के नियमों का हवाला देते हुए सुरक्षा की दृष्टि से यह निर्णय लेने की बात कही गई. महाराज बाग प्रशासन के निर्णय के खिलाफ लोग अदालत का दरवाजा खटखटाने चले गए लेकिन वहां से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली और महाराज बाग प्रशासन के हक में फैसला सुनाया गया.

    गौरतलब है कि महाराजबाग प्राणी उद्यान में दो गुटों में विवाद उत्पन्न हो गया था. साथ ही कुछ लोग प्राणी उद्यान में मौजूद जानवरों को जूठे व बासी भोजन भी खिला रहे थे, जिसके बाद महाराज बाग प्रशासन ने मॉर्निंग वॉक पर रोक लगा दिया था. इस मामले में पंजाबराव कृषि विवि की तरफ से एडवोकेट अभय सांबरे ने पैरवी की.