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  • फ्रांस के विवि में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में भी हो सकेंगे शामिल

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नागपुर. विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान विद्यार्थियों को अब  फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन में प्रशिक्षण तथा सेसी व एस्टिया विश्वविद्यालय में शिक्षा मिल सकेगी. इसके लिए वीएनआईटी व डसॅाल्ट कंपनी के बीच हाल ही में एमओयू किया गया है. संस्थान के एमटेक के छात्र विदेश में प्रशिक्षण का लाभ उठा सकेंगे. यह जानकारी वीएनआईटी के संचालक डॉ. पडोले ने दी. मिहान में डसॉल्ट एविएशन कंपनी कार्यरत है, जिसमें विमानों के कलपुर्जे तैयार करने का कार्य किया जा रहा है.

इस प्रकल्प के समन्वयक डॉ. योगेश पुरी ने बताया कि मार्च में डसॉल्ट रिलायंस एविएशन  के साथ सामंजस्य करार किया गया है. अब मेकैनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल शाखा के पावर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स पाठ्यक्रम के एमटेक छात्रों को सेकंड ईयर में इंटर्नशिप दी जाएगी. इतना ही नहीं कम से कम 5 छात्रों को उनके प्रशिक्षण के आधार पर डसॉल्ट के फ्रांस स्थित मुख्य विंग में प्रशिक्षण का भी अवसर मिलेगा. उन्होंने बताया कि संस्थान के छात्र  फ्रांस के विश्वविद्यालय में एविएशन इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में भी शामिल हो सकेंगे. इस प्रकल्प का समूचा खर्च डसॉल्ट एविएशन ही वहन करेगा. इस प्रकल्प में प्रा. धनंजय झोले भी समन्वयक है.

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस होगा तैयार 

करार के अनुसार वीएनआईटी में डसॉल्ट एविएशन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस तैयार करने वाला है. इसमें स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग पाठ्यक्रम का समावेश किया जाएगा. यानी भविष्य में संस्थान में छात्रों को उक्त पाठ्यक्रम भी उपलब्ध हो सकेगा. साथ ही करिकुलम ऑफ एक्सीलेंस शुरू किया जाएगा. छात्रों को एमटेक के सेकंड ईयर में प्रोजेक्ट पूर्ण करने का अवसर मिलेगा. एमटेक में यह प्रोजेक्ट मिनी पीएचडी की तरह माना जाता है. संस्थान के 12 विद्यार्थियों को 30 लाख से अधिक का पैकेज मिला है. वहीं 18 विद्यार्थी 20 लाख से अधिक के पैकेज पर भी कार्य कर रहे हैं. संस्थान में बायो-मेकेनिकल इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम शुरू किया गया है. 

15 को दीक्षांत समारोह 

संस्थान का 19 वां दीक्षांत समारोह का आयोजन 15 सितंबर को किया गया है. इसमें छात्रों को 46 मेडल दिये जाएंगे. प्रमुख अतिथि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी तथा अतिथि वैज्ञानिक व औद्योगिक अनुसंधान विभाग के सचिव व परिषद के महासंचालक डॉ. शेखर मांडे उपस्थित रहेगे. समारोह में 49 को पीएचडी, 333 को पीएचडी, 60 को एमएससी, 634 को बीटेक, 59 को बीआर्क की डिग्री प्रदान की जाएगी. पडोले ने बताया कि हाल ही में एनआयआरएफ की रैंकिंग में संस्थान को ओवरऑल सूची में 54 वां स्थान तथा अभियांत्रिकी सूची में 30वां स्थान मिला है. पिछले वर्ष संस्थान ने 34 पेंटेट किये. वहीं विकास व अनुसंधान के लिए भी लाखों की निधि मिली. कोविड महामारी के दौरान संस्थान के प्राध्यापक व अनुसंधानकर्ताओं द्वारा तैयार किये गये उपकरण उपयोगी साबित हुये.