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    नागपुर. पिछले दिनों पुलिस ने मां उमिया में लगभग 68 लाख रुपये की सुपारी जब्त की. पुलिस को सड़ी सुपारी होने का अंदेशा था जिसके बाद कार्रवाई की गई. सुपारी जब्त कर पुलिस ने छानबीन भी की तो सुपारी एक प्रमुख व्यापारी के होने की जानकारी हाथ लगी. हालांकि स्पॉट पर जब एफडीए के अधिकारी पहुंचे तो सुपारी किसी और का बता दी गयी. इसके कारण कुछ समय के लिए पुलिस और एफडीए अधिकारी के बीच तू-तू, मैं-मैं की स्थिति भी उत्पन्न हो गई.

    सूत्रों ने बताया कि पुलिस को पक्का यकीन था कि सुपारी किसी बड़े कारोबारी की है. पूछताछ में भी इसका खुलासा हुआ था लेकिन इस बीच एफडीए के निरीक्षक आनंद महाजन सूचना पाकर पहुंच गए. महाजन ने कागजातों के आधार पर यह सुपारी शिव शंकर ट्रेडिंग कंपनी के संचालक शिवचरण ओम वीर की बतायी. पुलिस इस बात पर अड़े थे कि जो नाम एफडीए के अधिकारी बता रहे हैं, वह डमी कैंडीडेट हैं. इसलिए इसकी विस्तार से छानबीन होनी चाहिए. एफडीए के अधिकारी अड़े रहे कि पुलिस जिसकी सुपारी बता रही है, वह उसकी है ही नहीं. बाद में पुलिस ने मामले से हाथ झटक लिया. एफडीए की टीम अपनी कार्रवाई करते हुए मामले को आगे बढ़ा रही है. 

    एफडीए पर उठे सवाल

    इस बीच मार्केट के लोगों का कहना है कि एफडीए कागजात के आधार पर जिस व्यक्ति का नाम बता रहा है उसकी ताकत ही नहीं है कि 68 लाख का माल एक बार में बुलाये. इसके पीछे जिसका हाथ है उसे बचाने के चक्कर में एफडीए ऐसा काम कर रहा है. इसलिए इस मामले की जांच उच्च स्तर पर होनी चाहिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो.