Wasankar Scam

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    नागपुर. वासनकर वेल्थ मैनेजमेंट कंपनी में निवेश करने के बाद भुगतान नहीं किया गया, जबकि इसके लिए ब्याज सहित धनराशि को लेकर खरीदी-बिक्री का व्यवहार किया गया. इस संदर्भ में मामला दर्ज करने के बाद विशेष अदालत के समक्ष सुनवाई जारी है. हालांकि कुछ मामलों में कंपनी के अन्य निदेशकों की तरह प्रशांत वासनकर को भी राहत प्रदान की गई है किंतु मामले का निपटारा जल्द करने के लिए फौजदारी अर्जी दायर की गई. सुनवाई के बाद अदालत ने कहा कि याचिका पर कार्यालय की कुछ आपत्तियां हैं. इन आपत्तियों का 2 सप्ताह में निवारण करने के आदेश याचिकाकर्ता को दिए गए. साथ ही निवारण नहीं होने पर याचिका खारिज होने के संकेत भी दिए.

    40 गवाहों के बचे हैं बयान

    सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वकील का मानना था कि इस मामले में अब केवल जांच अधिकारी के बयान दर्ज करने बाकी हैं. विशेष अदालत में जांच अधिकारी के बयान और सबूतों को रिकॉर्ड करने के बाद आगे की कार्यवाही के लिए इसे रखा जाएगा. सरकारी पक्ष की दलीलों का विरोध करते हुए याचिकाकर्ता की पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि इस मामले में 40 गवाहों के बयान दर्ज करना बाकी है. दोनों पक्षों की विरोधाभासी दलीलों को देखते हुए अदालत ने कहा कि विशेष अदालत में मामले की सुनवाई किस स्तर पर है, यह देखना होगा. अभियोजन पक्ष की ओर से कितने गवाहों के बयान दर्ज करने बाकी हैं यह सुनिश्चित करना होगा. 

    2 सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट

    सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने भी निचली अदालत में मामले की वर्तमान स्थिति को अदालत के समक्ष रखने के लिए अर्जी दायर करने की जानकारी दी. इसके लिए 2 सप्ताह का समय देने का भी अनुरोध किया जिसे अदालत द्वारा स्वीकार किया गया. गत समय अदालत ने आदेश में कहा था कि निचली अदालत में जो वकील पैरवी कर रहे हैं उनसे भी इसकी जानकारी प्राप्त की जानी चाहिए. उल्लेखनीय है कि चार्जशीट दायर किए जाने के बाद वित्तीय संस्थान के खिलाफ महाराष्ट्र प्रोटेक्शन ऑफ इंटरेस्ट ऑफ डिपॉजिटर्स एक्ट (एमपीआईडी)-1999 के तहत आपराधिक सुनवाई शुरू की जा चुकी है. वर्षों से मामले की सुनवाई जारी रहने के कारण कंपनी के निदेशकों को बेवजह जेल में रहना पड़ रहा है. अत: मामले की जल्द सुनवाई करने के आदेश देने का अनुरोध अदालत से किया गया.