Murder
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    नागपुर. तहसील थानांतर्गत सोमवार को सामने आई घटना ने सबके रोंघटे खड़े कर दिए. परिवार के 5 सदस्यों की हत्या करने के बाद एक व्यक्ति ने फांसी लगा ली. आरोपी आलोक माटुरकर, पत्नी विजया, बेटी परी और बेटे साहिल के साथ बागल अखाड़े के पास भिसीकर के मकान में किराए से रहता. इससे 300 मीटर दूर पटवी गली में आलोक के ससुर देवीदास, सास लक्ष्मी और साली अमिषा रहते हैं. बताया जाता है कि पिछले 2 महीनों से आलोक का अमिषा से विवाद चल रहा था. उसे अमिषा का दूसरे लड़कों से बात करना बिल्कुल पसंद नहीं था. इस वजह से उसने 2 महीने पहले अमिषा के साथ गालीगलौज कर धमकाया था. उसने अमिषा को फाइनेंस पर फोन लेकर दिया था. वह फोन भी उसने अमिषा से छीन लिया था. अमिषा को अपनी निजी जीवन में आलोक का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं हो रहा था. उसने आलोक के खिलाफ तहसील पुलिस थाने में शिकायत की थी.

    पुलिस ने अमिषा की शिकायत पर आलोक के खिलाफ प्रतिबंधक कार्रवाई भी की. पुलिस के सामने कोई खुलकर बोलने को तैयार नहीं है लेकिन परिसर के नागरिकों की मानें तो पहले आलोक और अमिषा के बीच प्रेम संबंध थे. वह उसकी हर जरूरतों को पूरा करता था. आलोक उसके प्यार में पागल हो गया था. अमिषा का दूसरों से बात करना उसे पसंद नहीं था. आए दिन झगड़े हो रहे थे. दोनों के बीच दूरी बन गई और इसी बात से आलोक बौखलाया हुआ था. इसी बौखलाहट परिवार का खूनी अंत हो गया. 

    15 वर्ष पहले किया था प्रेम विवाह

    15 वर्ष पहले आलोक ने अपने परिवार के विरोध में जाकर विजया से प्रेम विवाह किया. शादी के कुछ समय बाद तक दोनों अलग रहे. उसके परिजन तो आखिर तक अपने बेटे, बहू और उसके बच्चों को स्वीकार नहीं कर पाए और आलोक ने ससुराल को ही अपना परिवार बना लिया. आलोक केवल अपनी पत्नी और बच्चों का नहीं, बल्कि सास, ससुर और साली का भी ख्याल रखता था. वह टेलरिंग का काम करता था. अपना व्यापार आगे बढ़ाने के लिए आलोक 10 वर्ष पहले अमरावती चला गया. करीब डेढ़ वर्ष पहले उसके कारखाने में आग लग गई और सब तहस-नहस हो गया. वह वापस नागपुर लौट गया और ससुराल के पास ही मकान किराए पर ले लिया. इसी दौरान वह अमिषा के करीब आ गया. 

    11 बजे तक नहीं खुला दरवाजा 

    आमतौर पर विजया सुबह 7-8 बजे तक घर के सामने साफ-सफाई कर लेती थी. बेटा साहिल भी दोस्तों के साथ खेलने निकल जाता था. लेकिन सोमवार की सुबह 11 बजे तक घर का दरवाजा बंद था. यह बात पड़ोसियों को अटपटी लगी. कूलर चल रहा था और भीतर से टीवी की आवाज भी आ रही थी. पड़ोसियों ने खिड़की से भीतर झांककर देखा तो पलंग पर साहिल सो रहा था. पहले तो उसे आवाज लगाई गई. जवाब नहीं मिलने पर मुंह पर पानी फेंका गया लेकिन प्रतिसाद नहीं मिला. ऐसे में एक बच्चे को विजया के मायके में भेजा गया. उसने वहां खौफनाक मंजर देखा. लक्ष्मी और अमिषा खून से लथपथ हालत में पड़े थे. वह वापस लौटा और पड़ोसियों को घटना की जानकारी दी. तुरंत पुलिस को सूचित किया गया और थानेदार जयेश भांडारकर अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे. 

    हर पहलू की जांच कर रही पुलिस

    घटना की जानकारी मिलते ही सीपी अमितेश कुमार, डीआईजी नवीनचंद्र रेड्डी, सुनील फुलारी, डीसीपी लोहित मतानी और सारंग आवाड़ मौके पर पहुंचे. घटना संवेदनशील थी लेकिन सच्चाई बयान करने वाला कोई नहीं था. इसीलिए पुलिस हर तरह से घटनाक्रम का पता लगाने में जुट गई. इंस्पेक्टर नरेंद्र हिवरे फोरेंसिक जांच एक्सपर्ट को लेकर मौके पर पहुंचे. क्राइम सीन के हिसाब से बॉडी का पोस्टमार्टम हो इसीलिए मेयो अस्पताल के एलएमजे मकरंद व्यवहारे को घटनास्थल पर बुला लिया गया. साइबर विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे. इंस्पेक्टर भारत क्षीरसागर, सांदीपन पवार, पराग पोटे सहित अन्य अधिकारी भी जांच में मदद करने घटनास्थल पर पहुंचे.  

    साली के साथ किया रेप 

    पुलिस आलोक के ससुराल पहुंची तो लक्ष्मी गद्दे पर पड़ी थीं. चाकू से चीरने का गर्दन पर गहरा घाव था. बगल में ही अमिषा जमीन पर पड़ी थी. दोनों के शरीर चादर से ढके हुए थे. चादर हटाने पर अमीषा अर्धनग्न अवस्था में दिखाई दी. जांच से साफ हो गया कि उसके साथ रेप हुआ है. माना जा रहा है कि आलोक ने देर रात ससुराल में प्रवेश किया. उसने पहले सोते समय अपनी सास लक्ष्मी की गर्दन रेत दी. उसकी चीख सुनकर अमिषा जाग गई. उसने अमिषा की भी गर्दन चीर दी. अब यह साफ नहीं हो पाया है कि आलोक ने अमिषा का रेप हत्या के पहले किया या बाद में. फौरेंसिक टीम इसकी जांच में जुट गई है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ही कुछ साफ हो पाएगा. 

    विवाद आम बात हो गई थी 

    दोनों घर घनी आबादी वाले इलाके में है, कोई छींक भी ले तो पड़ोसी के मकान में आवाज चली जाए ऐसी स्थिति है. ऐसे में 5 लोगों की हत्या हो गई और किसी को भनक तक नहीं लगी यह आश्चर्य की बात है. बोबड़े परिवार के पड़ोसियों से बात करने पर पता चला कि उनके घर में विवाद आम बात हो गई थी. आए दिन झगड़े होते थे और इसीलिए किसी ने ध्यान नहीं दिया लेकिन 11.30 बजे के दौरान कुछ चीख सुनाई दी थी. वहीं मातुरकर परिवार के पड़ोसियों का कहना हैं कि घर का कूलर और टीवी दोनों चल रहे थे. हो सकता है देर रात हत्या हुई. इसीलिए किसी को कुछ सुनाई नहीं दी. 

    • आलोक कई दिनों से हत्या की प्लानिंग कर रहा था. उसने कुछ दिन पहले ही ऑनलाइन शॉपिंग साइट स्नैपडील से खंजर का सेट खरीदा था. उसका बाक्स घर में मिला है.
    • पहले उसने सास और साली को मौत के घाट उतारा. गहरी नींद में सो रही पत्नी की हत्या करते समय बेटी परी जाग गई. ठोस वस्तु से उसके सिर पर वार करने के बाद हाथ-पैर बांध दिए. बाद में उसकी भी गर्दन चीर दी.
    • चारों को तो उसने बड़ी बेरहमी से मारा, लेकिन कहीं न कहीं बेटे को मारते समय उसके हाथ जरूर कांपे होंगे. उसने तकिये से साहिल का मुंह और नाक दबाकर हत्या कर दी. 
    • सुबह 8 बजे के दौरान पड़ोसियों ने आलोक को घर के सामने देखा था. इससे साफ है कि सबको मौत के घाट उतारने के बाद भी उसने काफी सोच-विचार किया. 
    • 5 लोगों की हत्या करने के बाद उसका बच पाना नामुमकिन था. पूरा परिवार तो खत्म हो ही चुका था. इसीलिए आलोक ने भी अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. 
    • सुबह 9 बजे के दौरान देवीदास ड्यूटी से घर लौटे. उस समय पत्नी लक्ष्मी और बेटी अमिषा का मुंह चादर से ढका था. दोनों सो रहे हैं सोचकर नहाने के बाद बाहर नाश्ता करने चले गए.