नागपुर. वन्य प्राणियों और मानवों के बीच बढ़ते संघर्ष की घटनाओं ने वन विभाग के अधिकारियों की चिंता को बढ़ा दिया है. वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार पिछले तीन वर्षों में ही वन्य प्राणियों के हमलों में 211 लोगों की मौत हुई है. वर्ष 2019 से तुलना करें तो वर्ष 2021 में मौत का आंकड़ा दोगुना हो गया है. यदि ऐसे ही हालात बने रहे तो न केवल सरकार के खिलाफ असंतोष की भावना मुखर हो सकती है, बल्कि वन्य प्राणियों को दुश्मन नहीं समझने और उनसे प्रेम करने के अभियान को भी झटका लग सकता है.
आरटीआई एक्टिविस्ट अभय कोलारकर को वन विभाग की तरफ से उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार वन्य प्राणियों के हमलों में वर्ष 2019 में 47, वर्ष 2020 में 80 और वर्ष 2021 में 84 लोगों की मौत हो गई. इसके अलावा वर्ष 2019-20 में ही वन्य प्राणियों ने 412 लोगों को जख्मी कर दिया, 9,258 पशुओं को अपना निवाला बना लिया, 93 पशुओं को घायल कर दिया और 38,347 हेक्टेयर में लगी फसल को नष्ट कर दिया. इस नुकसान के एवज में सरकार की तरफ से 70 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया गया.
वर्ष 2020-21 में 400 लोगों को जख्मी कर दिया, 9,139 पशुओं को अपना निवाला बना लिया, 155 पशुओं को जख्मी कर दिया तथा 30,953 हेक्टेयर में लगी फसल को नष्ट कर दिया. इस नुकसान के एवज में 80 करोड़ रुपए का मुआवजा सरकार को देना पड़ा. इसी प्रकार वर्ष 2021 में 31 दिसंबर तक वन्य प्राणियों ने 67 मनुष्यों को जख्मी कर दिया, 3,213 पशुओं को मार दिया, 33 पशुओं को घायल कर दिया तथा 8,796 हेक्टेयर में लगी फसल को बर्बाद कर दिया. इस नुकसान के बदले में 59.36 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया गया.
प्रबंधन क्षमता पर सवाल
वन्य प्राणी लगातार आबादी वाले इलाकों में पहुंच रहे हैं. वे फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं, साथ ही मनुष्यों को भी अपना निवाला बना रहे हैं. इससे जंगल के आसपास के गांवों में असंतोष पनप रहा है. यही नहीं इन घटनाओं से वन विभाग की प्रबंधन क्षमता पर भी सवाल उठने लगे हैं.
चंद्रपुर की घटना से बढ़ा असंतोष
वन्य प्राणी विशेषज्ञों का मानना है कि वन्य प्राणियों के हमलों में मनुष्यों के मरने की संख्या बढ़ना खतरनाक संकेत है. इन घटनाओं में वृद्धि होने के पीछे के कारणों का पता लगाना होगा तथा उसका निराकरण करना होगा. उल्लेखनीय है चंद्रपुर जिले में वन्य प्राणियों के हमलों में 3 दिन में ही 3 लोगों की मौत हो गई है जिससे लोगों में भारी असंतोष है. 18 फरवरी को कोसंबी में महिला किसान ज्ञानेश्वरी मोहुर्ले (55 वर्ष) का बाघ ने शिकार किया. 17 फरवरी को राज भड़के (16 वर्ष) को तेंदुए ने मार दिया. 16 फरवरी को बिजली ठेका के कर्मचारी भोजराम मेश्राम को बाघ ने अपना निवाला बना लिया था.
वर्ष मृत मनुष्य जख्मी मनुष्य
2019 47 412
2020 80 400
2021 84 67