File Photo
File Photo

    Loading

    नागपुर. शहर के नान-नेटवर्क एरिया में जलापूर्ति के लिए मनपा द्वारा हर समय टैंकर का निर्धारण करने के उद्देश्य से टेंडर निकाला जाता है. इसी दिशा में 2 दिन पहले भी मनपा के जलप्रदाय विभाग की ओर से टेंडर की प्रक्रिया शुरू की गई किंतु इस संदर्भ में तैयार होने वाली टैंकरों की प्राथमिक सूची को लेकर आपत्ति जताते हुए कुछ टैंकर मालिकों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. याचिका पर सुनवाई के दौरान मनपा की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने हाई कोर्ट के अगले आदेश तक टैंकर मालिकों को कार्यादेश जारी नहीं करने का आश्वासन दिया. इसके बाद न्यायाधीश सुनील शुक्रे और न्यायाधीश अनिल किल्लोर ने महानगरपालिका और अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने के आदेश दिए. याचिकाकर्ताओं की ओर से अधि. अक्षय नाईक, अधि. श्रीरंग भांडारकर, मध्यस्थ की ओर से अधि. सदानंद भूतड़ा, अधि. ए.एम. घारे ने पैरवी की. 

    सुनवाई के लिए पर्याप्त जानकारी जरूरी

    टैंकर से जलापूर्ति को लेकर अलग-अलग 2 याचिकाएं दायर की गईं जिन पर अदालत ने आदेश में कहा कि इसमें कौन हिस्सा ले रहा है, कितने टेंडरधारक हैं इसकी जानकारी नहीं है. जबकि याचिका पर सुनवाई से पूर्व कितने लोग हिस्सा ले रहे हैं, सभी के नाम, टैंकर का निर्धारण करने के लिए बनाए गए ग्रुप में किसे निश्चित किया गया, उनके नाम आदि की विस्तृत जानकारी आवश्यक है. इसके बाद ही याचिका पर सटीक सुनवाई हो सकेगी. मनपा की ओर से पैरवी कर रहे अधि. काजी ने पूरी जानकारी हलफनामा के साथ अगली सुनवाई के दौरान प्रस्तुत करने का आश्वासन दिया. साथ ही तब तक किसी भी टैंकर मालिक को कार्यादेश नहीं देने का आश्वासन भी दिया. 

    प्रक्रिया को ही दी चुनौती

    टैंकर मालिक उज्वला निथवरे की ओर से दायर याचिका में बताया गया कि उन्होंने भी टैंकर प्रक्रिया में हिस्सा लिया है. यदि अन्य याचिका पर किसी तरह का आदेश होता है तो वे इससे बाधित होंगी इसलिए उनकी याचिका पर भी साथ में सुनवाई की जानी चाहिए. इस पर अदालत का मानना था कि याचिका में टेंडर की प्रक्रिया को ही चुनौती दी गई है जिसमें याचिकाकर्ता निश्चित रूप से आवश्यक प्रतिवादी है. मामले को देखते हुए अदालत ने उक्त याचिका में उन्हें प्रतिवादी बनाने की स्वतंत्रता दी. याचिकाकर्ता को याचिका में सुधार करने तथा इंटरविनर के मध्यस्थ अर्जियां स्वीकृत कर उन्हें भी जवाब दायर करने के आदेश दिए. उल्लेखनीय है कि इन सभी याचिकाओं पर अब 6 अक्टूबर को सुनवाई होगी.