नागपुर. शीत सत्र अधिवेशन के तहत शुक्रवार दोपहर विधानभवन के गेट पर उस समय हंगामा मच गया जब वारकरी संप्रदाय की एक महिला ने खुद पर राकेल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया. महिला का नाम सोलापुर निवासी कविता चव्हाण बताया गया. वे पिछले दिनों से महापुरुषों के अपमान को लेकर जारी बयानों से व्यथित थी. शुक्रवार दोपहर करीब 3.15 बजे नेताओं की आवाजाही शुरू थी. इस समय सुरक्षा कर्मियों को विस परिसर के सामने काले कपड़ों में एक महिला खुद पर राकेल छिड़कते नजर आई. आनन-फानन में पुलिस कर्मी महिला की तरफ दौड़े और इससे पहले कि कविता खुद को आग लगा पाती उसे रोक दिया. घटना के कारण परिसर के भीतर और बाहर हंगामा मच गया.
…और कितना अपमान करोगे
घटना के बाद कविता ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से राज्य के नेताओं के बीच हमारे महापुरुषों के अपमान की होड़ मची है. कोई छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान कर रहा है तो कोई बाबासाहब आम्बेडकर का है. यह सब देखकर कोई वारकरियों का अपमान कर रहा है. राज्य के सभी पार्टियों के नेताओं को सुनाते हुए कविता ने कहा कि आपको पता भी है क्या, आप लोग क्या बोल रहे हो. आपसे ज्यादा गंदा मैं भी बोल सकती हूं, हाथ भी उठा सकती हूं लेकिन हमारे महापुरुषों ने यह नहीं सिखाया. वे हैं, इसलिए आज हम हैं. वे नहीं होते तो आपकी लायकी नहीं रहती. ये कैसी राजनीति है. ऐसी संस्कृति कहां ले जायेगी.
मजबूरी में उठाना पड़ा कदम
कविता ने कहा कि सरकार कुछ नहीं कर रही है. लोगों ने मोर्चे निकाले, कुछ चर्चा हुई. फिर अगले दिन वैसे ही बयान. कोई कार्रवाई नहीं हुई, कोई बदलाव नहीं हुआ. ऐसे में मुझे मजबूरन आत्मदाह का फैसला करना पड़ा. कुछ दिनों के बाद यह मुद्दा भी शांत हो जायेगा. आखिर ये सब कहां जा रहा है. कुछ नहीं कर रहे ये लोग. दुख के मारे मैंने क्या करना चाहिए. इसके बाद पुलिस कविता को थाने ले गई और परामर्श दिया.