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    नागपुर. जिला परिषद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के चुनाव के बाद अब 1 नवंबर को 4 विषय समितियों के सभापतियों का चुनाव होगा. पीठासीन अधिकारी व उप विभागीय अधिकारी ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है. जिला परिषद में कृषि, शिक्षा, समाज कल्याण व महिला व बाल कल्याण समिति के सभापतियों का कार्यकाल 30 अक्टूबर को समाप्त हो रहा है जिसके चलते 1 नवंबर को दोपहर 3 बजे विशेष सभा में नये सभापतियों का चुनाव होगा. चुनाव प्रक्रिया सुबह 11 बजे से शुरू हो जाएगी. 11 से 1 बजे तक उम्मीदवारों से नामांकन स्वीकार किए जाएंगे. 3 बजे सभा की शुरुआत होगी. 3.30 बजे तक पर्चों की छंटनी, नामांकन वापसी की प्रक्रिया चलेगी. अगर एक से अधिक उम्मीदवार हुए तो 3.45 बजे मतदान और उसके बाद परिणाम की घोषणा की जाएगी.

    नहीं चलेगा जुगाड़

    जिला परिषद में पूर्व मंत्री सुनील केदार गुट का वर्चस्व है. यह तो हाल ही अध्यक्ष व उपाध्यक्ष चुनाव में भी स्पष्ट हो गया. वे जिस सदस्य को जिम्मेदारी देंगे वही फाइनल होगा. 4 सभापतियों के लिए इच्छुक सदस्यों की संख्या दर्जनभर से अधिक है. बीते कार्यकाल में पूरे जिला परिषद में एक कृषि सभापति तापेश्वर वैद्य को छोड़ दिया जाए तो शेष 5 महिलाएं थीं.

    शिक्षा सभापति भारती पाटिल, समाज कल्याण नेमावली माटे, महिला व बाल कल्याण उज्ज्वला बोढारे के जिम्मे रहा है. इस बार 4 सभापतियों में पुरुषों को कितनी कुर्सी मिलती हैं यह देखने वाली बात होगी. कांग्रेस के पुरुष सदस्यों का कहना है कि 2 पदों पर तो मौका दिया जाना चाहिए लेकिन वे सभी जानते हैं कि केदार जिसे चाहेंगे वही सभापति होगा. उनकी बात का विरोध करने की हिम्मत किसी में नहीं है.

    अध्यक्ष व उपाध्यक्ष चुनाव के समय कांग्रेस के नाना कंभाले, प्रीतम कवरे सहित 3 सदस्यों ने बगावत की थी जिनका साथ एक राकां सदस्य ने भी दिया था लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ा. कंभाले सहित बागी सदस्य जरूर अलग-थलग हो गए. इस परिणाम को देखते हुए किसी दूसरे सदस्य में अपने लिए मांग करने या विरोध करने की हिम्मत नहीं हो पाएगी. 

    1 सीट राकां को तय

    4 सभापतियों में से 2 ओपन वर्ग से चुने जाएंगे जिनमें शिक्षा व कृषि का समावेश है. वहीं समाज कल्याण समिति सभापति एससी, एसटी, भटक्या जमाति, विमुक्त जाति वर्ग से चुना जाना है. महिला व बाल कल्याण समिति सभापति महिला वर्ग के लिए आरक्षित है. इस कुर्सी पर महिला विराजमान होगी. बताते चलें कि यही एक सीट पिछली बार राकां के कोटे में दी गई थी और उज्ज्वला बोढारे सभापति रही हैं.

    जानकारी के अनुसार, राकां ने अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान बने नाटकीय घटनाक्रम के समय सभापति के 2 पद की मांग केदार से की थी लेकिन उन्होंने 1 पद देने का वादा किया है. उसके बाद राकां के सभी सदस्यों ने कांग्रेस उम्मीदवार को वोट किया. 1 नवंबर को होने वाले चुनाव में भी राकां को एक सभापति मिलना तय है लेकिन विभाग कौनसा होगा यह उसी समय पता चल पाएगा.