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    नागपुर. जिले में बढ़ते कुपोषण और आंगनवाड़ियों में घटिया अनाज व पोषण आहार की आपूर्ति की जांच की जिम्मेदारी उस सर्कल के जिला परिषद सदस्य को दी गई है. यह निर्णय महिला व बाल कल्याण समिति की बैठक में सभापति अवंतिका लेकुरवाले ने लिया. आंगनवाड़ियों में शून्य से 6 वर्ष आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं व नवजात की माता को पोषण आहार दिया जाता है.

    बीते कुछ वर्षों से जिले में कुपोषण की संख्या घटने की बजाय बढ़ती जा रही है. अनेक शिकायतें मिलती रही हैं कि पोषण आहार घटिया दर्जे का दिया जाता है. समिति की बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी जिप सदस्य अपने सर्कल की आंगनवाड़ियों की जांच करेंगे और पोषण आहार की क्वालिटी पर नजर रखेंगे.

    अनियमितता पर नियंत्रण

    जिप सदस्यों द्वारा नियमित जांच से आंगनवाड़ियों में होने वाली अनियमितता पर भी रोक लगेगी. जिले में विभाग की ओर से वर्तमान में 2,423 आंगनवाड़ियां संचालित हैं जिनमें 262 मिनी आंगनवाड़ी का भी समावेश है. हजारों ग्रामीण बच्चों के लिए यह प्री-नर्सरी एजुकेशन का केन्द्र भी हैं. पोषण आहार का मूल उद्देश्य बच्चों को सुदृढ़ बनाना है लेकिन बच्चों व माताओं को दिया जाने वाले आहार के संदर्भ अनेक शिकायतें आती रहती हैं.

    कुछ दिन पूर्व सावनेर तहसील के सिल्लेवाड़ा आंगनवाड़ी क्रमांक 5 में निकृष्ट दर्जे की सामग्री आपूर्ति का मामला सामने आया था. इस पर समिति सदस्यों ने नाराजी जताई. अब जिप सदस्यों को ही अपने सर्कल की आंगनवाड़ियों की जांच की जिम्मेदारी सौंपे जाने से निश्चित रूप से इस पर नियंत्रण लग सकेगा. समिति सदस्य राधा अग्रवाल ने बताया कि इससे कुपोषण पर नियंत्रण के लिए बच्चों को दिए जा रहे आहार की समीक्षा की जा सकेगी.