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    नागपुर. जिला परिषद में मौजूदा अध्यक्ष रश्मि बर्वे का कार्यकाल इसी महीने 16 अक्टूबर को खत्म हो रहा है. ढाई वर्ष के कार्यकाल के बाद भी उन्हें 3 अतिरिक्त महीने कार्य करने का अवसर मिला क्योंकि राज्य सरकार ने नये अध्यक्ष पद के आरक्षण का रोस्टर नहीं निकाला था. अब जब रोस्टर में आदिवासी वर्ग से अध्यक्ष का आरक्षण निकला है तो जिले के आदिवासी बहुल इलाकों में हर्ष की लहर है. इसका कारण भी है. जिला परिषद में दो दशकों के बाद अनुसूचित जनजाति वर्ग से जिला परिषद अध्यक्ष का आरक्षण निकला है. 22 वर्ष के बाद अब यहां आदिवासी अध्यक्ष होगा.

    पिछले जिप चुनाव में भाजपा का सुपड़ा साफ करते हुए कांग्रेस ने स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता हासिल की थी. पूर्व मंत्री सुनील केदार गुट ने बाजी मारी थी. पहले ढाई वर्ष उनके करीबी समझे जाने वाले रश्मि बर्वे को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई. वहीं उपाध्यक्ष का पद मनोहर कुंभारे को सौंपा गया था. एक महिला व बाल कल्याण सभापति पद को छोड़कर सभी सभापति भी केदार गुट के ही हैं. अब रोस्टर में एसटी वर्ग का आरक्षण निकलने के बाद एसटी वर्ग के सदस्यों में अध्यक्ष बनने की होड़ देखी जा रही है.

    कहा जा रहा है कि इस बार भी महिला सदस्य को ही यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है. ऐसा हुआ तो जिप में लगातार चौथी बार महिला अध्यक्ष होगी. जिलाधिकारी विपिन इटनकर ने भी सोमवार को आदेश जारी कर उपविभागीय अधिकारी शेखर घाडगे को 17 अक्टूबर को जिप अध्यक्ष का चुनाव प्रक्रिया पूरा करने के लिए अधिकृत कर दिया है.

    विस चुनाव का गणित

    जिप परिसर में तो यह चर्चा चल रही है कि जब बीते 3 कार्यकाल महिला अध्यक्ष रही हैं तो अब पुरुष वर्ग को अध्यक्ष बनने का मौका दिया जाना चाहिए लेकिन कहा यह भी जा रहा है कि 2 वर्ष बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए पूर्व मंत्री अपने ही क्षेत्र से किसी को उक्त जिम्मेदारी सौंप सकते हैं. उनके क्षेत्र सावनेर की पाटणसावंगी सर्कल की सदस्य मुक्ता कोकड्डे का नाम पहले क्रमांक पर लिया जा रहा है लेकिन अधिकतर जिप सदस्य इसे नकार रहे हैं.

    उनका कहना है कि कांग्रेस की सबसे वरिष्ठ व अनुभवी सदस्य रामटेक के वडंबा सर्कल की शांता कुमरे अध्यक्ष पद की सबसे प्रबल दावेदार हैं. उन्होंने पूरी निष्ठा के साथ बिना किसी पद का लालच किए हुए पार्टी की सेवा की है और आदिवासी बहुल क्षेत्र में जनहित के कार्य करती रहती हैं. उनके सामने आए जूनियरों को विषय समितियों का सभापति बनाया गया बावजूद इसके उन्होंने पार्टी हित के लिए ही कार्य किया. तीसरी दावेदार कलमेश्वर तेलकामटी सर्कल की पिकी कोरोती को बताया जा रहा है. इसके अलावा भिवापुर के शंकर डडमल और एक अन्य पुरुष सदस्य का नाम भी चल रहा है लेकिन अधिक संभावना इस बार भी महिला अध्यक्ष बनने की जताई जा रही है. 

    सुबह 10 बजे से शुरू होगी प्रक्रिया

    रोस्टर घोषित होने के बाद जिलाधिकारी इटनकर ने अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कार्यक्रम की प्रक्रिया पूरा करने के लिए उपविभागीय अधिकारी को अधिकृत कर दिया है. 17 अक्टूबर की सुबह 10 बजे जिला परिषद सभागृह में डिप्टी सीईओ सामान्य प्रशासन विभाग के सहयोग से चुनाव सभा आयोजित कर अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद का चुनाव करवाएंगे.

    चूंकि भाजपा के पास केवल 14 सदस्य हैं इसलिए उसकी ओर से अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार खड़ा करने की गुंजाइश बहुत ही कम है. इसलिए अध्यक्ष के साथ ही उपाध्यक्ष भी निर्विरोध चुने जाने की संभावना अधिक है. फिर सभी विषय समितियों के सभापति भी 30 अक्टूबर के पहले बदले जाएंगे. कांग्रेस व राकां में सभापति बनने के लिए इच्छुक सदस्यों की सक्रियता बढ़ गई है. राकां को कोई सभापति इस बार मिलता भी है या नहीं यह भी देखने वाली बात होगी.