Only 15 people did rain water harvesting

    Loading

    • 1,068 शासकीय इमारतों में लगेगा सिस्टम
    • 39 कार्य हो गए हैं शुरू

    नागपुर. जिले के ग्रामीण भागों में भूजल स्तर बढ़ाने के लिए जिला परिषद प्रशासन ने अब शासकीय इमारतों में रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने का नियोजन किया है. पहले जिला परिषद की ओर से 15वें वित्त आयोग की निधि से आदासा गणेश मंदिर में आदर्श रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रोजेक्ट लगाया गया था. उसी तर्ज पर अब जिलेभर में 1,068 इमारतों में प्रोजेक्ट लगाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है. यह सब मनरेगा निधि तहत किया जाएगा.

    जिला परिषद सीईओ योगेश कुंभेजकर ने बताया कि दिनोंदिन भूजल स्तर नीचे जा रहा है जिससे भविष्य में जल संकट गहरा सकता है. ऐसी स्थिति में जल स्तर को बढ़ाने की नितांत जरूरत है. भविष्य की जरूरत को देखते हुए रेन हार्वेस्टिंग मस्ट हो गया है. बारिश का पानी बहकर बर्बाद नहीं होना चाहिए. मनरेगा के तहत ग्रामीण भागों के शासकीय इमारतों में यह सिस्टम किया जा रहा है. कुछ काम शुरू भी कर दिये गए हैं जो बारिश के पूर्व पूरे हो जाएंगे. वर्ष 2021-22 और 2022-23 के प्रारूप में 1,068 कार्य लिए गए हैं. इसका इस्टीमेट तैयार कर कुछ बदलाव के लिए मनरेगा आयुक्तालय भेजा है. मान्यता मिलते ही तेजी से कार्य शुरू किए जाएंगे. 

    सूख जाते हैं बोरवेल

    चाहे ग्रामीण भाग हो या फिर शहरी, गर्मी के दिनों में पानी की डिमांड बढ़ जाती है और भूजल स्तर भी नीचे चला जाता है. वहीं बारिश का पानी हर वर्ष नाली, नालों व नदियों में बह जाता है. जमीन में पानी समाता ही नहीं. रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम के जरिए इमारतों की छतों का पानी जमीन में जमा किया जा सकता है. सरकार ने इसकी जरूरत को समझते हुए वर्ष 2002 में ही सभी प्रशासकीय इमारतों, स्कूल, कॉलेज इमारतों, फ्लैट स्कीम्स में रेन हार्वेस्टिंग को अनिवार्य कर दिया है लेकिन इसके बावजूद इसे अमल में नहीं लाया जा रहा था. मनपा की ओर से तो इसके लिए कर में छूट तक दिया जाता है लेकिन निजी इमारतों में कोई प्रतिसाद नहीं मिल रहा है. बारिश आने वाली है और एक बार फिर सारा पानी बह जाएगा. 

    15वें वित्त आयोग निधि का उपयोग

    जिला परिषद की ओर से 15वें वित्त आयोग की निधि से जिप अंतर्गत आने वाली 11 पीएचसी में यह प्रकल्प अमल में लाया जा रहा है. अब जिप मनरेगा के माध्यम से कुशल व अकुशल श्रमिकों की मदद से ग्रामीण भागों की शालाओं, आंगनवाड़ियों, सब सेंटर आदि में शासकीय इमारतों में रेन हार्वेस्टिंग प्रोजेक्ट की तैयारी कर रही है. वर्ष 2021-22 के प्रारूप में 679 और वर्ष 2022-23 के प्रारूप में 389 ऐसे कुल 1,068 कार्य मंजूर हैं. 39 कार्य तो शुरू हैं. शेष मनरेगा आयुक्तालय से मान्यता मिलते ही शुरू किये जाएंगे.

    गंभीरता से लें नागरिक : कुंभेजकर

    सीईओ योगेश कुंभेजकर ने जिले के सभी नागरिकों से अपील की है कि वे आने वाली पीढ़ी के लिए पानी की जरूरतों को देखते हुए रेन हार्वेस्टिंग को गंभीरता से लें. अपनी जिम्मेदारी समझें और अपने घरों में भी सिस्टम लगाएं. बारिश की हर एक बूंद को बर्बाद होने से बचाने के इस अभियान में प्रशासन व सरकार को सहकार्य करें.