लासलगांव : लासलगांव डिपो (Lasalgaon Depot) के कर्मचारी (Employees) रविवार 7 नवंबर से अपनी विभिन्न मांगों (Various Demands) को लेकर हड़ताल पर हैं। महासंघ और न्यायालय के निर्देश के बाद भी कर्मचारियों द्वारा हड़ताल वापस नहीं लेने पर लासलगांव डिपो के 12 कर्मचारियों को वरिष्ठों द्वारा दिये गये निर्देश के अनुसार निलंबित (Suspended) कर दिया गया है। लेकिन इसके बाद भी संपर्क कार्यकर्ता पीछे नहीं हटे और ऐसा लग रहा है कि वे अपने फैसले पर अड़े हैं, इसलिए एसटी कार्यकर्ताओं की हड़ताल और भी तेज होने की संभावना है।
राज्य परिवहन निगम (State Transport Corporation) का सरकार में विलय और अन्य मांगों को लेकर कर्मचारी 7 नवंबर से हड़ताल पर हैं। लासलगांव डिपो के करीब 200 कर्मचारियों ने इस हड़ताल में हिस्सा लिया है और रोजाना के 136 फेरे रद्द कर दिए गए हैं। लासलगांव डिपों की दैनिक 6 लाख रुपए का राजस्व ठप्प हो गया है। 5 दिनों में करीब 3० लाख के उत्पन्न पर पानी फिर गया है। एैन त्योहारों के चलते एसटी कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से ग्रामीण इलाकों के नागरिकों को असुविधा हो रही है। अन्य यात्रियों को यात्रा के लिए काली पीली टैक्सी और अन्य निजी वाहनों में यात्रा करनी पड़ रही है। जिसका खामियाजा उन्हें आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा है।
गौरतलब है की बीते पांच दिनों से चल रहे हड़ताल के चलते एसटी महामंडल द्वारा कर्मचारियों को निलंबित किया जा रहा है। जहां अब तक 900 से अधिक कर्मचारियों को निलंबित किया जा चुका है। इसके बावजूद कर्मचारी अपनी हड़ताल पर अड़े है। कई जिलों में इस मांग को लेकर हड़ताल के साथ आंदोलन किया जा रहा है। वहीं पुणे में जागरण आंदोलन के बाद गुरुवार की सुबह मुंडन आंदोलन की शुरुआत की है।