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प्रतीकात्मक तस्वीर

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    नाशिक: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के चलते पैरोल (Parole) पर घर गए 150 कैदी (Prisoners) नॉट रिचेबल (Not Reachable) हो गए है। वह जहां रहते है, उस पुलिस थाना में शिकायत दर्ज करने का काम मध्यवर्ती कारागृह के अधिकारी-कर्मचारियों ने शुरू कर दिया है। भद्रकाली पुलिस ने मध्यवर्ती कारागृह की शिकायत के आधार पर अपने क्षेत्र के कैदियों के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है। 

    गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर प्रभावशाली थी। इसलिए मध्यवर्ती कारागृह प्रशासन ने विभिन्न प्रकार के गंभीर मामलों में सजा काट रहे कैदियों को पैरोल पर छोड़ दिया था। इसमें से अधिकतर कैदी कोरोना महामारी का असर कम होने के बाद कारागृह में हाजिर हुए। शहर सहित जिले के विभिन्न पुलिस थाना में मामला दर्ज होने वाले 150 आरोपी मध्यवर्ती कारागृह में कैदी के रूप में सजा काट रहे है, जो पैरोल का समय खत्म होने के बाद भी वापस नहीं आए। 

    सभी कैदी नाशिक शहर सहित जिले के निवासी 

    ऐसे कैदियों के बारे में न्यायालय ने जानकारी मांगी है। इसके बाद कारागृह प्रशासन ने कैदियों द्वारा दिए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क करना शुरू किया, लेकिन उनका फोन नॉट रिचेबल लग रहा है। अब संबंधित कैदी जहां रहते है, वहां के पुलिस थाना में शिकायत दर्ज करने का काम कारागृह प्रशासन ने शुरू कर दिया है। यह सभी कैदी नाशिक शहर सहित जिले के निवासी है। 

    भद्रकाली पुलिस ने दो कैदियों के खिलाफ मामला किया दर्ज

    भद्रकाली पुलिस ने दो कैदियों के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है। पहले कैदी का नाम राजेंद्र धोंडूसिंह राजपूत है, जिसे 16 मई 2020 से 45 दिनों के लिए पैरोल पर छोड़ा गया था। जानलेवा प्रकरण में उसे 7 वर्ष की सजा और 500 रुपए दंड हुआ है। 1 सितंबर 2015 को सजा हुई थी। पैरोल की मुदद खत्म होने के बाद भी वह वापस नहीं आया। दूसरे कैदी का नाम सद्दाम नसीम कुरेशी है, जिसे 27 सितंबर 2021 को 45 दिनों के लिए पैरोल पर छोड़ा था। समय खत्म होने के बाद भी वह वापस नहीं आया। 4 अक्टूबर 2016 को उसे आजन्म कारावास की सजा सुनाई गई है।