Farting in front of the police officer in Austria was heavy, the person had to pay huge fine

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नासिक : किराए पर दिए गए डंपर (Dumper) और एक्झिक्युटर मशीन (Executioner Machine) के लिए किराए की रकम कल्याण के एक ठेकेदार (Contractor) ने नहीं चुकाई। सेटलमेंट के बाद दिए गए 17 लाख का चेक या कैश न होने के मामले में नासिक जिला अदालत ने कल्याण ठेकेदार पर 25 लाख का जुर्माना और एक दिन की कैद की सजा सुनाई है। जुर्माना नहीं देने पर तीन महीने के साधारण कारावास की सजा सुनाई गई है। पीड़ित डंपर मालिक को करीब 12 साल बाद कोर्ट के जरिए मुआवजा मिला है। 

कल्याण के जिस ठेकेदार को सजा और जुर्माना हुआ है उसका नाम दीपक बंडू लोखंडे है। नासिक के बालाजी अर्थ मूवर्स के शशिकांत कोमिनिनी गांधी ने लोखंडे से डंपर, टाटा हिताची एक्ज़ीक्यूटर मशीन लीज पर ली थी। किराए के समझौते के मुताबिक लोखंडे पर 31 लाख 9 हजार 278 रुपए बकाया थे। बार बार मांगने के बाद भी लोखंडे गांधी को किराया नहीं दे रहा था। लेकिन एक समझौता बैठक में उसने गांधी को 17 लाख 50 हजार 928 रुपए का चेक फर्म के नाम से दिया था। लेकिन चेक बाऊंस हो जाने पर 2012 में गांधी ने लोखंडे के विरुद्ध नासिक जिला न्यायालय में दावा दाखिल किया था। इस मामले की सुनवाई जज जी. एच पाटील के समक्ष हुई। 

गांधी की ओर से ॲड. राहुल पाटील ने अपना पक्ष रखा। इसके अनुसार पिछले महीने 4 तारीख को न्यायालय ने ठेकेदार लोखंडे को एक दिन का साधा कारावास और 25 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी। जुर्माने की रकम न भरने पर 3 महिने कारावास की सजा सुनाई थी। साथ ही 25 लाख में से 24 लाख रुपये गांधी को देने के आदेश भी दिए।