नाशिक. महानगरपालिका (Municipal Corporation) ने इन दिनों एक रियायत योजना (Concession Scheme) लागू की है क्योंकि समाप्त हो चुकी जलापूर्ति (Water Supply) 100 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। जिसके लिए महासभा ने अतिरिक्त विषय में नए नियमों को मंजूरी दी है, जिसमें एक माह के भीतर नियमित राशि का भुगतान करने पर पानी के बिल में 3% की छूट दी जाएगी। बकाया के वसूली के लिए बारह प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से अर्थदंड और ब्याज लगाया जाएगा।
महानगरपालिका की जलापूर्ति का बकाया काफी बढ़ गया है। वर्तमान में बकाया 110 करोड़ रुपये से ऊपर चला गया है, लेकिन पानी का नियमित बिल भी नहीं वसूला जा रहा है। बकाया वसूली के लिए निगम ने अभियान चलाया था। लेकिन कोई प्रतिसाद न मिलने के कारण बकाया और नियमित पानी के बिल की वसूली के लिए नए नियमों की घोषणा की गई है। विशेष रूप से इस बात को लेकर संशय है कि क्या प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी क्योंकि नियमों को मंजूरी देते समय बिना किसी हड़बड़ी के इसे अतिरिक्त मामलों में मंजूरी दे दी गई थी। 25000 रुपये से अधिक का 4285 नागरिकों पर पानी का बिल बकाया है और उन पर 40 करोड़ रुपये का बकाया है।
ग्यारह माह का बिल दिया जाएगा
वहीं महानगरपालिका ने उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए नियमों को मंजूरी दे दी है। नल कनेक्शन धारकों को जल बिल भुगतान प्राप्त करने के एक माह के भीतर पानी का बिल भुगतान करने पर तीन प्रतिशत की छूट दी जाएगी। 31 मार्च तक बकाया राशि का भुगतान नहीं करने पर 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से बकाया वसूला जाएगा। ग्राहकों को भुगतान की जाने वाली न्यूनतम दर समय पर निर्धारित करेंगे। कनेक्शन धारकों को जनवरी तक ग्यारह माह का बिल दिया जाएगा। उसके बाद मार्च माह में पानी के मीटर के अनुसार रीडिंग ली जाएगी और उसके बाद अंतिम भुगतान तय कर भुगतान लिया जाएगा। जनवरी के बाद दो महीने के बिल का भुगतान करते समय अनुपूरक भुगतान बिल का उल्लेख किया जाएगा।