नाशिक : महिलाओं का बचत गट (Savings Group) गठित करने की बात कर डेढ़ प्रतिशत ब्याज दर से कर्ज मंजूर करने का लालच दिखाकर महिलाओं (Women) से 8 लाख 47 हजार रुपए लेकर उनके साथ धोखाधड़ी (Cheating) करने के मामले में प्रथम श्रेणी न्यायदंडाधिकारी (Magistrate) ने 3 महिला आरोपियों (3 Women Accused) को 3 वर्ष सश्रम कारावास (Rigorous Imprisonment) और 4 लाख 50 हजार रुपए दंड (Punishment) की सजा सुनाई।
सजा हुए आरोपियों के नाम सुरेखा रमेश वाघ, संगीता रामचंद्र पवार दोनों (रा. राजवाडा, सातपुर) और कविता पवार (रा. आरटीओ कॉर्नर) है, जिन्होंने नवंबर 2007 से 25 सितंबर 2008 के बीच नाशिकरोड परिसर की महिलाओं को त्यांचा बचत गट गठित कर डेढ़ प्रतिशत के ब्याज दर से कर्ज उपलब्ध करने का लालच दिखाते हुए कर्ज मंजूर करने के लिए 1 से 5 हजार रुपए इस तरह शिकायतकर्ताओं से कुल 8 लाख 47 हजार 500 रुपए जमा करने के बाद भी कर्ज नहीं दिया। नाशिकरोड पुलिस ने तीनों महिलाओं के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया। पूर्व पुलिस निरीक्षक ई. के. पाडली ने मामले की जांच पड़ताल कर दोषारोप पत्र न्यायदंडाधिकारी के सामने सुनवाई के लिए पेश किया। इस मामले की सुनवाई प्रथम श्रेणी न्यायदंडाधिकारी डी. डी. कर्वे के सामने हुई।
शिकायतकर्ता, पंच, गवाह, जांच अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी और पेश किए गए पुख्ता सबूत के आधार पर तीनों महिलाओं को 3 वर्ष सश्रम कारावास और प्रत्येकी देढ़ लाख रुपए दंड ऐसे कुल 4 लाख 500 हजार रुपए दंड की सजा सुनाई। सरकारी पक्ष की ओर से ऍड. सायली गोखले ने पैरवी की।